नई दिल्ली, 18 मई (आईएएनएस)। सीबीआई ने एक महिला वकील और कानून एवं न्याय मंत्रालय के एक अतिरिक्त कानूनी सलाहकार को वकीलों की नोटरी के रूप में नियुक्ति के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
जांच एजेंसी ने सोमवार को इस संबंध में दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। कानूनी सलाहकार टीके मलिक और बेंगलुरु की एक महिला वकील वाणी जीके को गुरुवार को इस मामले में गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि बेंगलुरु शाखा सचिवालय में अतिरिक्त कानूनी सलाहकार और प्रभारी मलिक वकीलों से नोटरी के रूप में उनकी नियुक्ति के लिए रिश्वत प्राप्त कर रहे थे।
सीबीआई को पता चला कि शास्त्री भवन में तैनात रहते हुए मलिक कर्नाटक सहित विभिन्न राज्यों के लिए नोटरी के रूप में नियुक्ति के इच्छुक वकीलों के आवेदनों की जांच पड़ताल कर रहे थे।
पांच वकीलों की नियुक्ति के मामले में मलिक बेंगलुरु की वकील वाणी जीके के संपर्क में थे। वह इसी कारण से पहले भी उससे संपर्क कर चुकी थी।
एक अधिकारी ने कहा कि 8 मई को मलिक ने वाणी को सूचित किया कि उसने नोटरी के रूप में पांच वकीलों के चयन के लिए दिल्ली में कुछ रुपये का भुगतान किया था। मलिक ने वाणी से भी कहा कि तुम्हें भी कुछ भुगतान करना चाहिए और सूची प्रकाशित होने के बाद शेष राशि का भुगतान उसे किया जा सकता है। मलिक ने भारी रिश्वत की मांग की और वह भुगतान करने के लिए तैयार हो गई।
15 मई को मलिक ने वाणी से रिश्वत की राशि जल्द से जल्द उसे देने के लिए कहा, जिस पर उसने उसे आश्वासन दिया कि वह एक या दो दिन में रिश्वत की राशि का कुछ हिस्सा उसे देने की कोशिश करेगी।
अधिकारी ने कहा कि सूचना हमने मलिक, महिला वकील वाणी और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी, धारा 7, 8 और 12 के तहत मामला दर्ज किया। बाद में हमने जाल बिछाया और आरोपी को रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
अधिकारी ने बताया कि मलिक के पास से करीब चार लाख रुपये बरामद किए गए। सीबीआई ने दिल्ली, एनसीआर और बेंगलुरु में आरोपियों के परिसरों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान टीम ने लगभग 34 लाख रुपये बरामद किए। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया,जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
–आईएएनएस
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