यरूशलम, 29 जनवरी (आईएएनएस)। सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की वापसी की अटकलों के बीच इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा कि देश के सैन्य बल सीरिया में ‘अनिश्चित काल’ तक मौजूद रहेंगे।
मंगलवार को ‘माउंट हरमोन शिखर’ पर इजरायली सैन्य चौकियों के दौरे के दौरान कैट्ज ने कहा, “आईडीएफ (इजरायल रक्षा बल) माउंट हरमोन के शिखर पर और बफर जोन में अनिश्चित काल तक रहेगा।”
इजरायली मंत्री ने दावा किया कि इस कदम का उद्देश्य ‘इजरायल के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना’ है। उन्होंने कहा, “मैं यह बताने के लिए यहां आया हूं कि माउंट हरमोन चौकियों पर लंबे समय तक तैनाती के लिए आईडीएफ रक्षा और हमले के लिए अच्छी तरह से तैयार है।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कैट्ज ने कहा कि इजरायल ईरान से जुड़ी ताकतों और अन्य विरोधी समूहों को दक्षिणी सीरिया में पैर जमाने से रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
कैट्ज ने कहा, “हम दक्षिणी सीरिया में बफर जोन [यहां से लेकर सुवेदा-दमिश्क अक्ष तक] में विरोधी ताकतों को स्थापित नहीं होने देंगे। हम अपनी रक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहेंगे और क्षेत्र की आबादी के साथ बेहतर संबंध बनाए रखेंगे, जिसमें प्रमुख ड्रूज़ समुदाय पर जोर दिया जाएगा।”
इस बीच इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीरिया से सैकड़ों अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का इरादा रखते हैं।
इन रिपोट्स में कहा गया कि “व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने इजरायली समकक्षों को एक संदेश दिया है, जिसमें संकेत दिया गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का इरादा रखते हैं।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर यूएस सैनिकों की वापसी होती है तो यह इजरायल के लिए बड़ी चिंता का कारण होगा।
दिसंबर में पेंटागन की एक घोषणा के अनुसार, अमेरिका ने सीरिया में लगभग 2,000 सैनिक तैनात किए हैं।
2,814 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट हरमन का शिखर पूर्वी भूमध्यसागरीय तट पर सबसे ऊंचा स्थान है। यहां से इजरायल, सीरिया और लेबनान का नजारा दिखता है।
इजरायल ने 1967 के मध्य पूर्व युद्ध में गोलान हाइट्स के निचले हिस्से पर पहले ही कब्जा कर लिया था। बाद में इसका अधिग्रहण कर लिया जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानय्ता नहीं मिली।
दिसंबर में, बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद, इजरायल ने बफर जोन में जमीनी सेना भेजी, जो यूएन की निगरानी वाला एक विसैन्यीकृत क्षेत्र है। इसे इजरायल और सीरिया के बीच 1974 के समझौते के तहत स्थापित किया गया था। बाद में, इजरायल ने पहाड़ की चोटी पर सीरियाई सेना की चौकियों पर भी कब्जा कर लिया।
इजरायल ने लगभग 500 सीरियाई स्थलों पर बमबारी की है। उनका दावा है कि हमलों का उद्देश्य विद्रोही समूहों के हाथों में हथियारों को पड़ने से रोकना था।
–आईएएनएस
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