नई दिल्ली, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ईवीएम और वीवीपैट को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर जमकर निशाना साधा है।
इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्षी दलों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि जिस प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री रहते हुए हाथी पर रखकर संविधान की शोभायात्रा निकाली, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद बाबा साहेब के सम्मान में संविधान दिवस मनाना शुरू किया, उनके बारे में ये कांग्रेसी भ्रम फैलाते रहे हैं कि वे संविधान समाप्त कर देंगे। संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूर्ण होने पर उसके सम्मान में ‘हमारा संविधान, हमारा सम्मान’ कार्यक्रम पूरे देश में मना रहे हैं, जो सरकार संविधान को पूजती है, उसके बारे में कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेता जनता को भ्रमित करने में लगे हुए हैं।
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए मेघवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के वीवीपैट को पूर्णतया विश्वसनीय ठहराने के निर्णय ने कांग्रेस के झूठ और दोहरे चरित्र का पर्दाफाश कर दिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने देश की संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की भरपूर कोशिश की है, लेकिन, उन्हें मुंह की खानी पड़ी है। उन्होंने दावा किया कि सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना है कि वीवीपैट पूर्णतया विश्वसनीय एवं पारदर्शी है और ईवीएम या वीवीपैट के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है। अदालत के इस फैसले से पहले भी चुनाव आयोग ने कई बार विभिन्न राजनीतिक दलों को ईवीएम और वीवीपैट की कार्यप्रणाली को समझाया है। लेकिन, कांग्रेस और इंडी गठबंधन की घटक पार्टियां चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं को कमतर आंकती हैं और राहुल गांधी तो विदेशों में भी जाकर चुनाव आयोग को बदनाम करते हैं। हाल ही में कांग्रेस की बड़ी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि देश में अब तक 5 लोकसभा और 132 विधानसभा चुनावों में ईवीएम का उपयोग हुआ है, इसके बावजूद इंडी गठबंधन के नेता इस प्रणाली पर प्रश्न खड़े करते हैं। जबकि, इसी ईवीएम से हुए चुनाव से ही कांग्रेस ने कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना एवं तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में चुनाव जीता है। कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन के नेताओं का ये दोहरा चरित्र है कि जब ये लोग जीतते हैं तो ईवीएम ठीक होती है, लेकिन, जब हारते हैं तो ईवीएम पर सवाल उठाते हैं।
मेघवाल ने विपक्षी दलों पर जानबूझकर विवाद खड़ा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों को 3 जून और 26 जून 2017 को ईवीएम हैक करने और आरोप सिद्ध करने की चुनौती दी थी, लेकिन, कोई दल अपने आरोप सिद्ध नहीं कर पाया था। इसके अलावा 2019 में 20,687 पोलिंग बूथ पर वीवीपैट का मिलान किया गया, जिसमें सिर्फ 0.0004 प्रतिशत की गड़बड़ी पाई गई, जो किसी भी चुनाव के परिणाम को प्रभावित नहीं कर सकता। चुनाव आयोग की चुनौती में हारने के बाद कांग्रेसी नेता सुप्रीम कोर्ट गए और वहां भी इन्हें मुंह की खानी पड़ी।
मेघवाल ने आपातकाल की याद दिलाते हुए कहा कि आपातकाल के ‘काले’ दौर से अब तक कांग्रेस नेता हर संवैधानिक संस्था पर संदेह करते आ रहे हैं और ये लोग देश को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने विपक्षी गठबंधन पर हमला जारी रखते हुए आगे कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करना ही कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेताओं की फितरत बन गई है। कांग्रेस नेताओं ने संसद में भी बहस के दौरान चुनाव आयोग को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस नेता देश और देश की संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने का अवसर ढूंढते हैं और देश के खिलाफ खड़े रहते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इन नेताओं की पोल खुल गई है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य, अभिनंदनीय और लोकतंत्र को मजबूत करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति में डूबी कांग्रेस बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान का अपमान करके धर्म के आधार पर एससी, एसटी और ओबीसी का हक छीन करके मुस्लिमों को आरक्षण देना चाहती है।
–आईएएनएस
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