नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि वह याचिकाकर्ताओं के इस तर्क को स्वीकार नहीं कर सकते कि अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू होने पर केंद्र सरकार अपरिवर्तनीय परिणामों वाली कार्रवाई नहीं कर सकती है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हर फैसले को चुनौती देने से अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी और वास्तव में, प्रशासन गतिरोध की स्थिति में आ जाएगा।”
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की शक्ति पर संविधान द्वारा निर्धारित सीमाएं हैं, जिनका प्रयोग राज्यों में तब किया जा सकता है, जब अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू हो।
–आईएएनएस
सीबीटी
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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि वह याचिकाकर्ताओं के इस तर्क को स्वीकार नहीं कर सकते कि अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू होने पर केंद्र सरकार अपरिवर्तनीय परिणामों वाली कार्रवाई नहीं कर सकती है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हर फैसले को चुनौती देने से अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी और वास्तव में, प्रशासन गतिरोध की स्थिति में आ जाएगा।”
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की शक्ति पर संविधान द्वारा निर्धारित सीमाएं हैं, जिनका प्रयोग राज्यों में तब किया जा सकता है, जब अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू हो।
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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि वह याचिकाकर्ताओं के इस तर्क को स्वीकार नहीं कर सकते कि अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू होने पर केंद्र सरकार अपरिवर्तनीय परिणामों वाली कार्रवाई नहीं कर सकती है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हर फैसले को चुनौती देने से अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी और वास्तव में, प्रशासन गतिरोध की स्थिति में आ जाएगा।”
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की शक्ति पर संविधान द्वारा निर्धारित सीमाएं हैं, जिनका प्रयोग राज्यों में तब किया जा सकता है, जब अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू हो।
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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि वह याचिकाकर्ताओं के इस तर्क को स्वीकार नहीं कर सकते कि अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू होने पर केंद्र सरकार अपरिवर्तनीय परिणामों वाली कार्रवाई नहीं कर सकती है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हर फैसले को चुनौती देने से अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी और वास्तव में, प्रशासन गतिरोध की स्थिति में आ जाएगा।”
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की शक्ति पर संविधान द्वारा निर्धारित सीमाएं हैं, जिनका प्रयोग राज्यों में तब किया जा सकता है, जब अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू हो।
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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि वह याचिकाकर्ताओं के इस तर्क को स्वीकार नहीं कर सकते कि अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू होने पर केंद्र सरकार अपरिवर्तनीय परिणामों वाली कार्रवाई नहीं कर सकती है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हर फैसले को चुनौती देने से अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी और वास्तव में, प्रशासन गतिरोध की स्थिति में आ जाएगा।”
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की शक्ति पर संविधान द्वारा निर्धारित सीमाएं हैं, जिनका प्रयोग राज्यों में तब किया जा सकता है, जब अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू हो।
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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि वह याचिकाकर्ताओं के इस तर्क को स्वीकार नहीं कर सकते कि अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू होने पर केंद्र सरकार अपरिवर्तनीय परिणामों वाली कार्रवाई नहीं कर सकती है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हर फैसले को चुनौती देने से अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी और वास्तव में, प्रशासन गतिरोध की स्थिति में आ जाएगा।”
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की शक्ति पर संविधान द्वारा निर्धारित सीमाएं हैं, जिनका प्रयोग राज्यों में तब किया जा सकता है, जब अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू हो।
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सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हर फैसले को चुनौती देने से अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी और वास्तव में, प्रशासन गतिरोध की स्थिति में आ जाएगा।”
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की शक्ति पर संविधान द्वारा निर्धारित सीमाएं हैं, जिनका प्रयोग राज्यों में तब किया जा सकता है, जब अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू हो।
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सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हर फैसले को चुनौती देने से अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी और वास्तव में, प्रशासन गतिरोध की स्थिति में आ जाएगा।”
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की शक्ति पर संविधान द्वारा निर्धारित सीमाएं हैं, जिनका प्रयोग राज्यों में तब किया जा सकता है, जब अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू हो।
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सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
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सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
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सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
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अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की शक्ति पर संविधान द्वारा निर्धारित सीमाएं हैं, जिनका प्रयोग राज्यों में तब किया जा सकता है, जब अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा लागू हो।
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सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
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सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
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सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों का दायरा उद्घोषणा जारी करने के लिए परिस्थितियों पर निर्भर होना चाहिए (संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत)।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार द्वारा की गई हर कार्रवाई को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
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