नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)। 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में मंगलवार को कहा गया है कि स्टार्टअप्स का स्वामित्व भारत में होना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए सर्वे के अनुसार, यह भी देखा गया है कि कई भारतीय कंपनियों के मुख्यालय विदेशों में हैं जहां उनके लिए अनुकूल कानूनी वातावरण और कर नीति है।
इसे तकनीकी शब्दों में फ्लिपिंग कहते हैं, जो एक भारतीय कंपनी के संपूर्ण स्वामित्व को एक विदेशी संस्था को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया है, जिसमें सभी आईपी और भारतीय कंपनी के स्वामित्व वाले सभी डेटा का स्थानांतरण होता है।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि फ्लिपिंग गतिशील, अनिश्चित भू-राजनीतिक दुनिया में अल्पकालिक लाभ के लिए स्टार्टअप्स को देश से बाहर ले जाने की प्रक्रिया को दर्शाता है। हालांकि, इसे सरकार के संबंधित नियामक निकायों और अन्य हितधारकों द्वारा सामूहिक कार्रवाई के साथ बदला भी जा सकता है। समाधान-उन्मुख रणनीतियों के साथ, स्टार्टअप भारत की उद्यमशीलता की गतिशीलता के संदेशवाहक बने रहेंगे।
रिवर्स डिपिंग की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कुछ उपाय संभव हैं, जैसे स्टार्टअप्स के लिए इंटर-मिनिस्ट्रियल बोर्ड (आईएमबी) सर्टिफिकेशन प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल बनाना, कर्मचारी स्टॉक विकल्पों के टैक्सेशन को और सरल बनाना, टैक्स की कई परतों को सरल बनाना और टैक्स लिटिगेशन और पूंजी प्रवाह को और सरल बनाना आदि। सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है सरकार और अन्य हितधारकों को सर्वोत्तम प्रथाओं और अत्याधुनिक स्टार्टअप परामर्श प्लेटफार्मों को विकसित करने के लिए स्थापित निजी संस्थाओं के साथ बेहतर सहयोग और साझेदारी की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
वर्तमान परि²श्य में, 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स ने 2022 में 64 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ 9 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां धई हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, देश में मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 2016 में 452 से बढ़कर 2022 में 84,012 हो गई है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि हमारे लगभग 48 प्रतिशत स्टार्टअप टीयर सेकंड और थर्ड शहरों से हैं, जो हमारे जमीनी स्तर की जबरदस्त क्षमता का प्रमाण है। भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम में शुमार है। सरकार की विभिन्न लक्षित पहलों ने स्टार्ट-अप को काफी बढ़ावा दिया है।
–आईएएनएस
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