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स्थिति सामान्य होने तक बीएचयू हॉस्टल में रह सकते हैं पासआउट बांग्लादेशी छात्र

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August 6, 2024
in अंतरराष्ट्रीय
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स्थिति सामान्य होने तक बीएचयू हॉस्टल में रह सकते हैं पासआउट बांग्लादेशी छात्र
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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने बांग्लादेशी छात्रों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए बीएचयू ने पासआउट हो चुके बांग्लादेशी छात्रों को स्थिति सामान्य होने तक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कैंपस हॉस्टल में ही रुकने की अनुमति प्रदान की है।

बीएचयू का कहना है कि जिन छात्रों ने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और छात्रावास में रह रहे हैं, उनसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। ऐसे छात्रों को बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक परिसर में रहने की अनुमति दी जाएगी।

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विश्वविद्यालय का कहना है कि बांग्लादेश की स्थिति पर विचार करते हुए परिसर में रहने वाले बांग्लादेशी पासआउट छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय उन छात्रों के हित में लिया गया है, जिन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ाई पूरी कर ली है और कार्यक्रम पूरा होने पर अनिवार्य रूप से छात्रावास खाली करना था।

बीएचयू इंटरनेशनल सेंटर के समन्वयक प्रो. एसवीएस. राजू ने बताया कि बांग्लादेशी छात्रों को अपने देश लौटते समय जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उसे ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है। ऐसे में जो छात्र विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहना जारी रखना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी। इसके लिए उन्हें कोई चार्ज भी नहीं देना होगा।

प्रोफेसर राजू ने कहा, “हमने छात्रों को आश्वासन दिया है कि यदि परिसर में रहने के दौरान उन्हें किसी अन्य कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो विश्वविद्यालय उसके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।”

उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक वे यहां रह सकते हैं। हर साल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन करता है। इनमें से बड़ी संख्या में छात्र बांग्लादेश से भी आते हैं। इनमें से कई छात्र परिसर में विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहते हैं।”

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने बांग्लादेशी छात्रों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए बीएचयू ने पासआउट हो चुके बांग्लादेशी छात्रों को स्थिति सामान्य होने तक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कैंपस हॉस्टल में ही रुकने की अनुमति प्रदान की है।

बीएचयू का कहना है कि जिन छात्रों ने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और छात्रावास में रह रहे हैं, उनसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। ऐसे छात्रों को बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक परिसर में रहने की अनुमति दी जाएगी।

विश्वविद्यालय का कहना है कि बांग्लादेश की स्थिति पर विचार करते हुए परिसर में रहने वाले बांग्लादेशी पासआउट छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय उन छात्रों के हित में लिया गया है, जिन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ाई पूरी कर ली है और कार्यक्रम पूरा होने पर अनिवार्य रूप से छात्रावास खाली करना था।

बीएचयू इंटरनेशनल सेंटर के समन्वयक प्रो. एसवीएस. राजू ने बताया कि बांग्लादेशी छात्रों को अपने देश लौटते समय जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उसे ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है। ऐसे में जो छात्र विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहना जारी रखना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी। इसके लिए उन्हें कोई चार्ज भी नहीं देना होगा।

प्रोफेसर राजू ने कहा, “हमने छात्रों को आश्वासन दिया है कि यदि परिसर में रहने के दौरान उन्हें किसी अन्य कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो विश्वविद्यालय उसके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।”

उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक वे यहां रह सकते हैं। हर साल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन करता है। इनमें से बड़ी संख्या में छात्र बांग्लादेश से भी आते हैं। इनमें से कई छात्र परिसर में विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहते हैं।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने बांग्लादेशी छात्रों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए बीएचयू ने पासआउट हो चुके बांग्लादेशी छात्रों को स्थिति सामान्य होने तक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कैंपस हॉस्टल में ही रुकने की अनुमति प्रदान की है।

बीएचयू का कहना है कि जिन छात्रों ने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और छात्रावास में रह रहे हैं, उनसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। ऐसे छात्रों को बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक परिसर में रहने की अनुमति दी जाएगी।

विश्वविद्यालय का कहना है कि बांग्लादेश की स्थिति पर विचार करते हुए परिसर में रहने वाले बांग्लादेशी पासआउट छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय उन छात्रों के हित में लिया गया है, जिन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ाई पूरी कर ली है और कार्यक्रम पूरा होने पर अनिवार्य रूप से छात्रावास खाली करना था।

बीएचयू इंटरनेशनल सेंटर के समन्वयक प्रो. एसवीएस. राजू ने बताया कि बांग्लादेशी छात्रों को अपने देश लौटते समय जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उसे ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है। ऐसे में जो छात्र विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहना जारी रखना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी। इसके लिए उन्हें कोई चार्ज भी नहीं देना होगा।

प्रोफेसर राजू ने कहा, “हमने छात्रों को आश्वासन दिया है कि यदि परिसर में रहने के दौरान उन्हें किसी अन्य कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो विश्वविद्यालय उसके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।”

उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक वे यहां रह सकते हैं। हर साल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन करता है। इनमें से बड़ी संख्या में छात्र बांग्लादेश से भी आते हैं। इनमें से कई छात्र परिसर में विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहते हैं।”

–आईएएनएस

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बीएचयू का कहना है कि जिन छात्रों ने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और छात्रावास में रह रहे हैं, उनसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। ऐसे छात्रों को बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक परिसर में रहने की अनुमति दी जाएगी।

विश्वविद्यालय का कहना है कि बांग्लादेश की स्थिति पर विचार करते हुए परिसर में रहने वाले बांग्लादेशी पासआउट छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय उन छात्रों के हित में लिया गया है, जिन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ाई पूरी कर ली है और कार्यक्रम पूरा होने पर अनिवार्य रूप से छात्रावास खाली करना था।

बीएचयू इंटरनेशनल सेंटर के समन्वयक प्रो. एसवीएस. राजू ने बताया कि बांग्लादेशी छात्रों को अपने देश लौटते समय जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उसे ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है। ऐसे में जो छात्र विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहना जारी रखना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी। इसके लिए उन्हें कोई चार्ज भी नहीं देना होगा।

प्रोफेसर राजू ने कहा, “हमने छात्रों को आश्वासन दिया है कि यदि परिसर में रहने के दौरान उन्हें किसी अन्य कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो विश्वविद्यालय उसके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।”

उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक वे यहां रह सकते हैं। हर साल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन करता है। इनमें से बड़ी संख्या में छात्र बांग्लादेश से भी आते हैं। इनमें से कई छात्र परिसर में विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहते हैं।”

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बीएचयू का कहना है कि जिन छात्रों ने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और छात्रावास में रह रहे हैं, उनसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। ऐसे छात्रों को बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक परिसर में रहने की अनुमति दी जाएगी।

विश्वविद्यालय का कहना है कि बांग्लादेश की स्थिति पर विचार करते हुए परिसर में रहने वाले बांग्लादेशी पासआउट छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय उन छात्रों के हित में लिया गया है, जिन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ाई पूरी कर ली है और कार्यक्रम पूरा होने पर अनिवार्य रूप से छात्रावास खाली करना था।

बीएचयू इंटरनेशनल सेंटर के समन्वयक प्रो. एसवीएस. राजू ने बताया कि बांग्लादेशी छात्रों को अपने देश लौटते समय जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उसे ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है। ऐसे में जो छात्र विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहना जारी रखना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी। इसके लिए उन्हें कोई चार्ज भी नहीं देना होगा।

प्रोफेसर राजू ने कहा, “हमने छात्रों को आश्वासन दिया है कि यदि परिसर में रहने के दौरान उन्हें किसी अन्य कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो विश्वविद्यालय उसके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।”

उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक वे यहां रह सकते हैं। हर साल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन करता है। इनमें से बड़ी संख्या में छात्र बांग्लादेश से भी आते हैं। इनमें से कई छात्र परिसर में विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहते हैं।”

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बीएचयू का कहना है कि जिन छात्रों ने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और छात्रावास में रह रहे हैं, उनसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। ऐसे छात्रों को बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक परिसर में रहने की अनुमति दी जाएगी।

विश्वविद्यालय का कहना है कि बांग्लादेश की स्थिति पर विचार करते हुए परिसर में रहने वाले बांग्लादेशी पासआउट छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय उन छात्रों के हित में लिया गया है, जिन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ाई पूरी कर ली है और कार्यक्रम पूरा होने पर अनिवार्य रूप से छात्रावास खाली करना था।

बीएचयू इंटरनेशनल सेंटर के समन्वयक प्रो. एसवीएस. राजू ने बताया कि बांग्लादेशी छात्रों को अपने देश लौटते समय जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उसे ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है। ऐसे में जो छात्र विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहना जारी रखना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी। इसके लिए उन्हें कोई चार्ज भी नहीं देना होगा।

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उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक वे यहां रह सकते हैं। हर साल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन करता है। इनमें से बड़ी संख्या में छात्र बांग्लादेश से भी आते हैं। इनमें से कई छात्र परिसर में विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहते हैं।”

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बीएचयू का कहना है कि जिन छात्रों ने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और छात्रावास में रह रहे हैं, उनसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। ऐसे छात्रों को बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक परिसर में रहने की अनुमति दी जाएगी।

विश्वविद्यालय का कहना है कि बांग्लादेश की स्थिति पर विचार करते हुए परिसर में रहने वाले बांग्लादेशी पासआउट छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय उन छात्रों के हित में लिया गया है, जिन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ाई पूरी कर ली है और कार्यक्रम पूरा होने पर अनिवार्य रूप से छात्रावास खाली करना था।

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उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक वे यहां रह सकते हैं। हर साल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन करता है। इनमें से बड़ी संख्या में छात्र बांग्लादेश से भी आते हैं। इनमें से कई छात्र परिसर में विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहते हैं।”

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बीएचयू का कहना है कि जिन छात्रों ने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और छात्रावास में रह रहे हैं, उनसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। ऐसे छात्रों को बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक परिसर में रहने की अनुमति दी जाएगी।

विश्वविद्यालय का कहना है कि बांग्लादेश की स्थिति पर विचार करते हुए परिसर में रहने वाले बांग्लादेशी पासआउट छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय उन छात्रों के हित में लिया गया है, जिन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ाई पूरी कर ली है और कार्यक्रम पूरा होने पर अनिवार्य रूप से छात्रावास खाली करना था।

बीएचयू इंटरनेशनल सेंटर के समन्वयक प्रो. एसवीएस. राजू ने बताया कि बांग्लादेशी छात्रों को अपने देश लौटते समय जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उसे ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है। ऐसे में जो छात्र विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहना जारी रखना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी। इसके लिए उन्हें कोई चार्ज भी नहीं देना होगा।

प्रोफेसर राजू ने कहा, “हमने छात्रों को आश्वासन दिया है कि यदि परिसर में रहने के दौरान उन्हें किसी अन्य कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो विश्वविद्यालय उसके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।”

उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक वे यहां रह सकते हैं। हर साल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन करता है। इनमें से बड़ी संख्या में छात्र बांग्लादेश से भी आते हैं। इनमें से कई छात्र परिसर में विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहते हैं।”

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