तिरुवनंतपुरम, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। केरल के कोझिकोड जिले के बडागरा से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य और दिवंगत मुख्यमंत्री के. करुणाकरण के बेटे के. मुरलीधरन ने मंगलवार को इन अटकलों का खंडन किया कि वह भाजपा में शामिल होंगे।
मुरलीधरन ने कहा, अगर ऐसा होता, तो क्या मैं राहुल गांधी के साथ लगभग 450 किलोमीटर पैदल चलता? मैं हमेशा कांग्रेस में रहूंगा क्योंकि मैं सांप्रदायिक तत्वों से समझौता नहीं कर सकता। इसलिए अगर कांग्रेस पार्टी में मेरा उपहास किया जाता है, तो भी मैं कांग्रेस में रहूंगा।
पिछले कुछ दिनों से, सोशल मीडिया पर ऐसी कई खबरें आ रही हैं कि उत्तर केरल का एक कांग्रेसी नेता, जिसकी अखिल केरल पहचान है, भाजपा में शामिल होगा। और मुरलीधरन का नाम सुझाया जा रहा था।
2001 में मुरलीधरन को केपीसीसी का अध्यक्ष बनाया गया था जब ए.के. एंटनी मुख्यमंत्री बने।
लेकिन जल्द ही मतभेद सामने आए और पिता-पुत्र की जोड़ी ने एक नई पार्टी डेमोक्रेटिक इंदिरा कांग्रेस (डीआईसी) बनाई और 2006 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की सहयोगी थी और मुरलीधरन राज्य पार्टी अध्यक्ष थे।
चुनावी हार झेलने के बाद डीआईसी का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विलय हो गया और यहाँ फिर से मुरलीधरन राज्य के पार्टी अध्यक्ष थे।
कुछ समय बाद, मुरलीधरन और डीआईसी के पूर्व सदस्य कांग्रेस पार्टी में लौट आए और उन्होंने 2011 और 2016 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की।
2019 में मुरलीधरन को बड़गरा लोकसभा सीट से उतारा गया था और उन्होंने जीत हासिल की थी।
हाल ही में उनका कांग्रेस पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष, उनके लोकसभा सहयोगी के. सुधाकरन के साथ अनबन चल रही है।
–आईएएनएस
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