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Home ताज़ा समाचार

हिमाचल सभी 60 शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाएं शुरू करेगा

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March 3, 2024
in ताज़ा समाचार
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शिमला, 3 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने रविवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक सेवाओं में क्रांति लाने के लिए सभी 60 शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाएं शुरू कर रही है।

राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

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सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

–आईएएनएस

एकेजे/

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शिमला, 3 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने रविवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक सेवाओं में क्रांति लाने के लिए सभी 60 शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाएं शुरू कर रही है।

राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

–आईएएनएस

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शिमला, 3 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने रविवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक सेवाओं में क्रांति लाने के लिए सभी 60 शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाएं शुरू कर रही है।

राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

–आईएएनएस

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शिमला, 3 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने रविवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक सेवाओं में क्रांति लाने के लिए सभी 60 शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाएं शुरू कर रही है।

राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

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राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

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राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

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राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

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राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

–आईएएनएस

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राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

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उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

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राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

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राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

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शिमला, 3 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने रविवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक सेवाओं में क्रांति लाने के लिए सभी 60 शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाएं शुरू कर रही है।

राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

–आईएएनएस

एकेजे/

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शिमला, 3 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने रविवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक सेवाओं में क्रांति लाने के लिए सभी 60 शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाएं शुरू कर रही है।

राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

–आईएएनएस

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शिमला, 3 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने रविवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक सेवाओं में क्रांति लाने के लिए सभी 60 शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाएं शुरू कर रही है।

राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

–आईएएनएस

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शिमला, 3 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने रविवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक सेवाओं में क्रांति लाने के लिए सभी 60 शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाएं शुरू कर रही है।

राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

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राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत सरकार ने ‘ऑनलाइन गवर्नेंस की डिलीवरी के लिए शहरी प्लेटफार्म’ (यूपीवाईओजी) को लागू करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करके शहरी सेवाओं को डिजिटल बनाना और बदलना है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि नागरिक शहरी सेवाओं तक आसान पहुंच, स्वचालित स्थिति अपडेट और शहर के अधिकारियों के साथ बेहतर सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, शहरी स्थानीय निकाय उत्पादकता में वृद्धि, सेवाओं की बेहतर समयबद्ध डिलीवरी, बेहतर राजस्व सृजन और डेटा-संचालित प्रदर्शन प्रबंधन का अनुभव करेंगे।

इसके अलावा, सरकार को योजना और नीतियां बनाने, परियोजना के लक्ष्यों के आधार पर धन वितरण में तेजी लाने और शहरों के बीच नवाचार तथा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में रियल टाइम डेटा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “एक सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेंस सेवाओं को लागू करने की पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी एकीकरण के माध्यम से शहरी शासन में पारदर्शिता, दक्षता और समन्वय बढ़ाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभागों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम ने कहा कि कार्यान्वयन योजना के हिस्से के रूप में यूपीवाईओजी प्लेटफॉर्म की देखरेख के लिए राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस पहल में शहरी स्थानीय निकायों में परिवार रजिस्टर तैयार करने के लिए संपत्ति की मैपिंग और घर-घर परिवार सर्वेक्षण के लिए ड्रोन-आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग शामिल है।

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