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Home ताज़ा समाचार

ह्यूमन ट्रैफिकिंग रोकेगी झारखंड सरकार, सीएम हेमंत ने अफसरों के साथ बैठक कर बनाई रणनीति

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September 29, 2023
in ताज़ा समाचार
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रांची, 29 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड से हो रही ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर सख्तीपूर्वक रोक लगाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को राज्य की पुलिस, महिला, बाल विकास एवं सुरक्षा विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अफसरों के साथ बैठक की।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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रांची, 29 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड से हो रही ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर सख्तीपूर्वक रोक लगाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को राज्य की पुलिस, महिला, बाल विकास एवं सुरक्षा विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अफसरों के साथ बैठक की।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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रांची, 29 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड से हो रही ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर सख्तीपूर्वक रोक लगाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को राज्य की पुलिस, महिला, बाल विकास एवं सुरक्षा विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अफसरों के साथ बैठक की।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

–आईएएनएस

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ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

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ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

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ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

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ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

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ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

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रांची, 29 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड से हो रही ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर सख्तीपूर्वक रोक लगाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को राज्य की पुलिस, महिला, बाल विकास एवं सुरक्षा विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अफसरों के साथ बैठक की।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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रांची, 29 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड से हो रही ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर सख्तीपूर्वक रोक लगाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को राज्य की पुलिस, महिला, बाल विकास एवं सुरक्षा विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अफसरों के साथ बैठक की।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

–आईएएनएस

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ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

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तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

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पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

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ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

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ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

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बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

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ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है। अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं। ऐसे तत्वों की धर पकड़ के लिए पुलिस अभियान चलाए। इसके साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

तय हुआ कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाएगी, जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत होगा। संबंधित विभाग को कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने बैठक में उपस्थित सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता को कहा कि सभी पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए जाएं कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लंबित मामलों की निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों का डाटा रजिस्टर्ड हो सके, इसकी भी व्यवस्था का निर्देश दिया गया। सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों के अफसर मौजूद रहे।

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ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सघन अभियान चलाने, डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटरों को पूरी तरह एक्टिव करने सहित कई निर्णय बैठक में लिए गए।

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