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अंडर-16 सोशल मीडिया बैन: नियम लागू करने में नाकाम रहने वाली सोशल मीडिया कंपनियों पर जुर्माना लगाएगी ऑस्ट्रेलियाई सरकार

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November 21, 2024
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कैनबरा, 21 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलियाई सरकार उन सोशल मीडिया कंपनियों पर करोड़ों डॉलर का जुर्माना लगाएगी जो 16 वर्ष से कम उम्र के नागरिकों को अपनी सर्विस का इस्तेमाल करने से रोकने में नाकाम रहेंगी। ऑस्ट्रेलिया की सत्तारूढ़ लेबर पार्टी ने गुरुवार को संसद में एक विधेयक पेश किया, जिसके तहत सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 16 वर्ष निर्धारित की गई है।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस कानून के तहत, न्यूनतम आयु सीमा लागू करने की जिम्मेदारी बच्चों, माता-पिता या अभिभावकों के बजाय सोशल मीडिया कंपनियों पर होगी।

जो सोशल मीडिया कंपनियां आयु सीमा का नियम लागू करने में नाकाम रहेंगी। उन्हें 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (32.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।

संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने विधेयक पेश करते हुए संसद को बताया, “इसका उद्देश्य युवाओं की सुरक्षा करना है, उन्हें दंडित या अलग-थलग करना नहीं है, माता-पिता को यह बताना है कि जब उनके बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण की बात आती है तो हम उनके साथ हैं।”

रोलैंड ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को प्रतिबंध से छूट दी जाएगी क्योंकि यह पहले से ही आयु वर्गीकरण योजना द्वारा रेगुलेटेड है और उन्हें शामिल करने से गैरजरूरी ओवरलैप पैदा होगा। उन्होंने कहा कि मैसेजिंग सर्विस को भी इससे बाहर रखा जाएगा।

संघीय विपक्ष ने इस कानून के लिए समर्थन जताया है, जिसका मतलब है कि यह संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित होने वाला है।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने पहले कहा था कि नया कानून संसद से पारित होने के कम से कम 12 महीने बाद प्रभावी होगा।

सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि सोशल मीडिया यूजर्स की उम्र का वेरिफिकेशन किस तरह किया जाएगा, लेकिन कहा कि मई के संघीय बजट में वित्त पोषित ‘आयु वेरिफिकेशन तकनीक’ के परीक्षण से उसे इसकी जानकारी मिल जाएगी। न्यूनतम आयु सीमा सरकार के ई-सुरक्षा आयुक्त के कार्यालय द्वारा लागू की जाएगी।

–आईएनएएस

एमके/

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कैनबरा, 21 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलियाई सरकार उन सोशल मीडिया कंपनियों पर करोड़ों डॉलर का जुर्माना लगाएगी जो 16 वर्ष से कम उम्र के नागरिकों को अपनी सर्विस का इस्तेमाल करने से रोकने में नाकाम रहेंगी। ऑस्ट्रेलिया की सत्तारूढ़ लेबर पार्टी ने गुरुवार को संसद में एक विधेयक पेश किया, जिसके तहत सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 16 वर्ष निर्धारित की गई है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस कानून के तहत, न्यूनतम आयु सीमा लागू करने की जिम्मेदारी बच्चों, माता-पिता या अभिभावकों के बजाय सोशल मीडिया कंपनियों पर होगी।

जो सोशल मीडिया कंपनियां आयु सीमा का नियम लागू करने में नाकाम रहेंगी। उन्हें 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (32.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।

संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने विधेयक पेश करते हुए संसद को बताया, “इसका उद्देश्य युवाओं की सुरक्षा करना है, उन्हें दंडित या अलग-थलग करना नहीं है, माता-पिता को यह बताना है कि जब उनके बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण की बात आती है तो हम उनके साथ हैं।”

रोलैंड ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को प्रतिबंध से छूट दी जाएगी क्योंकि यह पहले से ही आयु वर्गीकरण योजना द्वारा रेगुलेटेड है और उन्हें शामिल करने से गैरजरूरी ओवरलैप पैदा होगा। उन्होंने कहा कि मैसेजिंग सर्विस को भी इससे बाहर रखा जाएगा।

संघीय विपक्ष ने इस कानून के लिए समर्थन जताया है, जिसका मतलब है कि यह संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित होने वाला है।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने पहले कहा था कि नया कानून संसद से पारित होने के कम से कम 12 महीने बाद प्रभावी होगा।

सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि सोशल मीडिया यूजर्स की उम्र का वेरिफिकेशन किस तरह किया जाएगा, लेकिन कहा कि मई के संघीय बजट में वित्त पोषित ‘आयु वेरिफिकेशन तकनीक’ के परीक्षण से उसे इसकी जानकारी मिल जाएगी। न्यूनतम आयु सीमा सरकार के ई-सुरक्षा आयुक्त के कार्यालय द्वारा लागू की जाएगी।

–आईएनएएस

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कैनबरा, 21 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलियाई सरकार उन सोशल मीडिया कंपनियों पर करोड़ों डॉलर का जुर्माना लगाएगी जो 16 वर्ष से कम उम्र के नागरिकों को अपनी सर्विस का इस्तेमाल करने से रोकने में नाकाम रहेंगी। ऑस्ट्रेलिया की सत्तारूढ़ लेबर पार्टी ने गुरुवार को संसद में एक विधेयक पेश किया, जिसके तहत सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 16 वर्ष निर्धारित की गई है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस कानून के तहत, न्यूनतम आयु सीमा लागू करने की जिम्मेदारी बच्चों, माता-पिता या अभिभावकों के बजाय सोशल मीडिया कंपनियों पर होगी।

जो सोशल मीडिया कंपनियां आयु सीमा का नियम लागू करने में नाकाम रहेंगी। उन्हें 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (32.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।

संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने विधेयक पेश करते हुए संसद को बताया, “इसका उद्देश्य युवाओं की सुरक्षा करना है, उन्हें दंडित या अलग-थलग करना नहीं है, माता-पिता को यह बताना है कि जब उनके बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण की बात आती है तो हम उनके साथ हैं।”

रोलैंड ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को प्रतिबंध से छूट दी जाएगी क्योंकि यह पहले से ही आयु वर्गीकरण योजना द्वारा रेगुलेटेड है और उन्हें शामिल करने से गैरजरूरी ओवरलैप पैदा होगा। उन्होंने कहा कि मैसेजिंग सर्विस को भी इससे बाहर रखा जाएगा।

संघीय विपक्ष ने इस कानून के लिए समर्थन जताया है, जिसका मतलब है कि यह संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित होने वाला है।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने पहले कहा था कि नया कानून संसद से पारित होने के कम से कम 12 महीने बाद प्रभावी होगा।

सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि सोशल मीडिया यूजर्स की उम्र का वेरिफिकेशन किस तरह किया जाएगा, लेकिन कहा कि मई के संघीय बजट में वित्त पोषित ‘आयु वेरिफिकेशन तकनीक’ के परीक्षण से उसे इसकी जानकारी मिल जाएगी। न्यूनतम आयु सीमा सरकार के ई-सुरक्षा आयुक्त के कार्यालय द्वारा लागू की जाएगी।

–आईएनएएस

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस कानून के तहत, न्यूनतम आयु सीमा लागू करने की जिम्मेदारी बच्चों, माता-पिता या अभिभावकों के बजाय सोशल मीडिया कंपनियों पर होगी।

जो सोशल मीडिया कंपनियां आयु सीमा का नियम लागू करने में नाकाम रहेंगी। उन्हें 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (32.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।

संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने विधेयक पेश करते हुए संसद को बताया, “इसका उद्देश्य युवाओं की सुरक्षा करना है, उन्हें दंडित या अलग-थलग करना नहीं है, माता-पिता को यह बताना है कि जब उनके बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण की बात आती है तो हम उनके साथ हैं।”

रोलैंड ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को प्रतिबंध से छूट दी जाएगी क्योंकि यह पहले से ही आयु वर्गीकरण योजना द्वारा रेगुलेटेड है और उन्हें शामिल करने से गैरजरूरी ओवरलैप पैदा होगा। उन्होंने कहा कि मैसेजिंग सर्विस को भी इससे बाहर रखा जाएगा।

संघीय विपक्ष ने इस कानून के लिए समर्थन जताया है, जिसका मतलब है कि यह संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित होने वाला है।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने पहले कहा था कि नया कानून संसद से पारित होने के कम से कम 12 महीने बाद प्रभावी होगा।

सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि सोशल मीडिया यूजर्स की उम्र का वेरिफिकेशन किस तरह किया जाएगा, लेकिन कहा कि मई के संघीय बजट में वित्त पोषित ‘आयु वेरिफिकेशन तकनीक’ के परीक्षण से उसे इसकी जानकारी मिल जाएगी। न्यूनतम आयु सीमा सरकार के ई-सुरक्षा आयुक्त के कार्यालय द्वारा लागू की जाएगी।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस कानून के तहत, न्यूनतम आयु सीमा लागू करने की जिम्मेदारी बच्चों, माता-पिता या अभिभावकों के बजाय सोशल मीडिया कंपनियों पर होगी।

जो सोशल मीडिया कंपनियां आयु सीमा का नियम लागू करने में नाकाम रहेंगी। उन्हें 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (32.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।

संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने विधेयक पेश करते हुए संसद को बताया, “इसका उद्देश्य युवाओं की सुरक्षा करना है, उन्हें दंडित या अलग-थलग करना नहीं है, माता-पिता को यह बताना है कि जब उनके बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण की बात आती है तो हम उनके साथ हैं।”

रोलैंड ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को प्रतिबंध से छूट दी जाएगी क्योंकि यह पहले से ही आयु वर्गीकरण योजना द्वारा रेगुलेटेड है और उन्हें शामिल करने से गैरजरूरी ओवरलैप पैदा होगा। उन्होंने कहा कि मैसेजिंग सर्विस को भी इससे बाहर रखा जाएगा।

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ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने पहले कहा था कि नया कानून संसद से पारित होने के कम से कम 12 महीने बाद प्रभावी होगा।

सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि सोशल मीडिया यूजर्स की उम्र का वेरिफिकेशन किस तरह किया जाएगा, लेकिन कहा कि मई के संघीय बजट में वित्त पोषित ‘आयु वेरिफिकेशन तकनीक’ के परीक्षण से उसे इसकी जानकारी मिल जाएगी। न्यूनतम आयु सीमा सरकार के ई-सुरक्षा आयुक्त के कार्यालय द्वारा लागू की जाएगी।

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जो सोशल मीडिया कंपनियां आयु सीमा का नियम लागू करने में नाकाम रहेंगी। उन्हें 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (32.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।

संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने विधेयक पेश करते हुए संसद को बताया, “इसका उद्देश्य युवाओं की सुरक्षा करना है, उन्हें दंडित या अलग-थलग करना नहीं है, माता-पिता को यह बताना है कि जब उनके बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण की बात आती है तो हम उनके साथ हैं।”

रोलैंड ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को प्रतिबंध से छूट दी जाएगी क्योंकि यह पहले से ही आयु वर्गीकरण योजना द्वारा रेगुलेटेड है और उन्हें शामिल करने से गैरजरूरी ओवरलैप पैदा होगा। उन्होंने कहा कि मैसेजिंग सर्विस को भी इससे बाहर रखा जाएगा।

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सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि सोशल मीडिया यूजर्स की उम्र का वेरिफिकेशन किस तरह किया जाएगा, लेकिन कहा कि मई के संघीय बजट में वित्त पोषित ‘आयु वेरिफिकेशन तकनीक’ के परीक्षण से उसे इसकी जानकारी मिल जाएगी। न्यूनतम आयु सीमा सरकार के ई-सुरक्षा आयुक्त के कार्यालय द्वारा लागू की जाएगी।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस कानून के तहत, न्यूनतम आयु सीमा लागू करने की जिम्मेदारी बच्चों, माता-पिता या अभिभावकों के बजाय सोशल मीडिया कंपनियों पर होगी।

जो सोशल मीडिया कंपनियां आयु सीमा का नियम लागू करने में नाकाम रहेंगी। उन्हें 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (32.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।

संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने विधेयक पेश करते हुए संसद को बताया, “इसका उद्देश्य युवाओं की सुरक्षा करना है, उन्हें दंडित या अलग-थलग करना नहीं है, माता-पिता को यह बताना है कि जब उनके बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण की बात आती है तो हम उनके साथ हैं।”

रोलैंड ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को प्रतिबंध से छूट दी जाएगी क्योंकि यह पहले से ही आयु वर्गीकरण योजना द्वारा रेगुलेटेड है और उन्हें शामिल करने से गैरजरूरी ओवरलैप पैदा होगा। उन्होंने कहा कि मैसेजिंग सर्विस को भी इससे बाहर रखा जाएगा।

संघीय विपक्ष ने इस कानून के लिए समर्थन जताया है, जिसका मतलब है कि यह संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित होने वाला है।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने पहले कहा था कि नया कानून संसद से पारित होने के कम से कम 12 महीने बाद प्रभावी होगा।

सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि सोशल मीडिया यूजर्स की उम्र का वेरिफिकेशन किस तरह किया जाएगा, लेकिन कहा कि मई के संघीय बजट में वित्त पोषित ‘आयु वेरिफिकेशन तकनीक’ के परीक्षण से उसे इसकी जानकारी मिल जाएगी। न्यूनतम आयु सीमा सरकार के ई-सुरक्षा आयुक्त के कार्यालय द्वारा लागू की जाएगी।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस कानून के तहत, न्यूनतम आयु सीमा लागू करने की जिम्मेदारी बच्चों, माता-पिता या अभिभावकों के बजाय सोशल मीडिया कंपनियों पर होगी।

जो सोशल मीडिया कंपनियां आयु सीमा का नियम लागू करने में नाकाम रहेंगी। उन्हें 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (32.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।

संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने विधेयक पेश करते हुए संसद को बताया, “इसका उद्देश्य युवाओं की सुरक्षा करना है, उन्हें दंडित या अलग-थलग करना नहीं है, माता-पिता को यह बताना है कि जब उनके बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण की बात आती है तो हम उनके साथ हैं।”

रोलैंड ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को प्रतिबंध से छूट दी जाएगी क्योंकि यह पहले से ही आयु वर्गीकरण योजना द्वारा रेगुलेटेड है और उन्हें शामिल करने से गैरजरूरी ओवरलैप पैदा होगा। उन्होंने कहा कि मैसेजिंग सर्विस को भी इससे बाहर रखा जाएगा।

संघीय विपक्ष ने इस कानून के लिए समर्थन जताया है, जिसका मतलब है कि यह संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित होने वाला है।

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