लखनऊ, 7 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में डकैती का एक आरोपी मंगेश यादव पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। इसको लेकर यूपी के पूर्व सीएम एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए इसकी मजिस्ट्रियल जांच कराने की मांग की है। अखिलेश की इस मांग पर कई भाजपा नेताओं ने तंज कसा है। भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया और पार्टी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने शनिवार को इस मुद्दे पर आईएएनएस से खास बातचीत की।
भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने आईएएनएस को बताया, “समाजवादी पार्टी सिर्फ यादव वाद में घिर कर रह गई है। कोई भी व्यक्ति अपराधी हो सकता है, वो किसी भी जाति का हो सकता है। मंगेश यादव एक क्रिमिनल था, जो एनकाउंटर में मारा गया।”
चंदोलिया ने आगे कहा कि अगर किसी अपराधी का एनकाउंटर हो गया तो, उसपर राजनीति करने की आवश्यकता नहीं है। कोई भी व्यक्ति, किसी भी समाज का हो, अगर उसकी पृष्ठभूमि क्रिमिनल की है और एनकाउंटर में मारा जाता है, तो उसपर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि अगर समाज का कोई व्यक्ति कुख्यात अपराधी हो जाए, उसपर ईनाम घोषित हो जाए, तो ऐसे व्यक्ति का पक्ष लेना, मदद करना या सिफारिश करना गलत है। इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसके बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।
मंगेश यादव एनकाउंटर मामले में भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, अखिलेश यादव हर प्रकार के प्रयत्न कर रहे हैं कि कैसे बदमाश अपराधी मंगेश यादव का बचाव किया जा सके, वो लूट के माल पर सवाल उठा रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने आगे तंज कसते हुए कहा कि अगर कुछ अपराधी अखिलेश यादव के संपर्क में है, तो उनको सरेंडर करने को कह दीजिए, वरना कहीं मुठभेड़ हो जाएगी तो आप फिर छाती पीटने लगेंगे। अपराधियों पर कार्रवाई होगी तो अखिलेश यादव को दर्द होने लगेगा।
उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश यादव को अपराधियों की जात नहीं देखनी चाहिए। उत्तर प्रदेश की सरकार बहुत ही कठोरता से कार्रवाई कर रही है। यूपी पुलिस पूरे मामले का जल्द खुलासा करेगी और हर अपराधी सलाखों के पीछे होगा और सारा लूट का माल बरामद होगा।
बता दें कि इससे पहले पांच सितंबर को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एनकाउंटर की निंदा की थी। उन्होंने सुल्तानपुर डकैती में शामिल लोगों का सत्ता पक्ष से गहरा संपर्क होने की आशंका भी जताई थी।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, “लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।”
अखिलेश ने आगे लिखा था, “जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे।”
उन्होंने आगे लिखा था, “नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली कानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है।”
–आईएएनएस
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