मुंबई, 15 मई (आईएएनएस)। महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री को आगामी संयुक्त वज्रमुठ रैली में आमंत्रित करने और सम्मानित करने की योजना बनाई है। गठबंधन में सहयोगी एनसीपी ने यहां सोमवार को यह जानकारी दी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा, कर्नाटक ने भारतीय जनता पार्टी को सिरे से खारिज कर दिया है और धर्मनिरपेक्षता के लिए मतदान करके रास्ता दिखाया है। अन्य राज्यों में भी यही रुझान जारी रहेगा, जहां इस साल के अंत में चुनाव होने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं द्वारा एक व्यापक अभियान के बावजूद, पार्टी को भारी शमिर्ंदगी का सामना करना पड़ा क्योंकि विधानसभा चुनाव में इसकी सीटों की संख्या लगभग आधी रह गई।
तापसे ने तर्क दिया, प्रधानमंत्री की मिन्नतों का मतदाताओं पर कोई असर नहीं पड़ा है। इसे उनकी गिरती छवि के रूप में देखा जाना चाहिए। कर्नाटक के लोग भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से तंग आ चुके हैं, इसलिए उन्होंने भाजपा को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) और एनसीपी का एमवीए गठबंधन भी अपनी वज्रमुठ रैलियों के माध्यम से और चुनाव पूर्व अभियानों में बड़े पैमाने पर प्रचार करेगा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदा सरकार को बेनकाब करेगा।
एमवीए के शीर्ष नेताओं ने रविवार को बैठक की और राज्य के राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही भविष्य के सभी चुनाव एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया।
केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के लिए केंद्र पर निशाना साधते हुए तापसे ने कहा कि अब वे राज्य एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल को निशाना बना रहे हैं, लेकिन इसकी रणनीति से कुछ खास हासिल नहीं होगा और वास्तव में अगले चुनावों में भाजपा पर उलटा असर पड़ेगा।
सीबीआई द्वारा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े पर भ्रष्टाचार के एक कथित मामले में मामला दर्ज करने पर, तापसे ने पूछा, सभी भाजपा नेता अब इस मामले पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? उनमें से कई पिछले साल वानखेड़े का गुणगान कर रहे थे, लेकिन वे एक चुप्पी बनाए हुए हैं।
उनका इशारा राज्य के कई भाजपा नेताओं की ओर था जो पूर्व एनसीपी मंत्री नवाब मलिक द्वारा 2021 के अंत से 2022 के शुरुआत तक कई मीडिया ब्रीफिंग में वानखेड़े पर लगाए गए आरोपों की आलोचना कर रहे थे। नवाब मलिक पिछले 15 साल से जेल में हैं।
–आईएएनएस
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