नई दिल्ली, 14 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को ब्रिटिश नागरिक और अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत अर्जी खारिज कर दी, यह देखते हुए कि उसके खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने मामले में अन्य आरोपियों के साथ समानता का दावा करते हुए मिशेल की याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह अपने आचरण और ब्रिटिश नागरिक होने के नाते भारत में कोई जड़ नहीं होने के कारण अन्य आरोपियों के साथ समानता का दावा नहीं कर सकता है।
उन्होंने मिशेल के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि उनके खिलाफ इटली में एक ही तरह के आरोपों पर मुकदमा चलाया गया था और इटालियन अदालत ने उन्हें उन्हीं आरोपों से बरी कर दिया था। अदालत ने यह भी कहा कि इटालियन अदालत का फैसला अन्य आरोपी व्यक्तियों के संबंध में और 2009-2010 में किए गए अंतर्राष्ट्रीय रिश्वतखोरी और कर धोखाधड़ी जैसे विभिन्न मुद्दों पर था।
न्यायाधीश ने कहा कि वर्तमान मामले में आरोपी भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और अन्य दंडनीय अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत आपराधिक कार्यवाही का सामना कर रहा है और इटालियन अदालत के फैसले का वर्तमान मामले की कार्यवाही पर कोई असर नहीं पड़ता है। मैं इसे समग्र तथ्यों और परिस्थितियों, आरोपों की गंभीर प्रकृति, अपराध की गंभीरता और अभियुक्तों के पूर्वोक्त आचरण के साथ जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं मानता। इस प्रकार अभियुक्त द्वारा दायर जमानत के लिए आवेदन खारिज किया जाता है।
मिशेल ने यह दावा करते हुए जमानत मांगी थी कि मामले में सभी मुख्य आरोपियों को जमानत दे दी गई और अभियोजन पक्ष ने उन सरकारी अधिकारियों की जमानत अर्जी पर आपत्ति नहीं जताई, जिन्हें अभियुक्त के रूप में पेश किया गया था, वह पहले ही चार साल और दो महीने से अधिक समय व्यतीत कर चुका था, जो उसने दुबई जेल में बिताया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को मिशेल की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने देखा था कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 436ए, मौजूदा मामले में लागू नहीं होगी और यह धारा 436ए की याचिका की अनुमति नहीं देगी।
पीठ ने कहा, हमें विशेष अनुमति याचिका में कोई दम नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि यह आदेश याचिकाकर्ता के नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में जाने के रास्ते में नहीं आएगा।
–आईएएनएस
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