उज्जैन, 11 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश का बड़ा हिस्सा बारिश नहीं होने के कारण समस्याओं से जूझ रहा था तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचकर प्रार्थना की थी। पिछले एक सप्ताह में हुई ने खेतों की रंगत बदल दी है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री चौहान फिर महाकाल के दरबार में पहुंचे।
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को फिर बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचे और पूजा-अर्चना कर उनके प्रति आभार जताया। साथ ही आराधना की कि प्रदेश पर उनकी खुशहाली के लिए कृपा बनी रहे।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, महाकाल महाराज को प्रणाम करने पिछले सोमवार को हम उनकी शरण में आए थे, तब प्रदेश में अकाल की स्थिति थी पानी के भाव में फसलें सूखने लगी थी, कई जगह तो खेतों में दरारें पड गई थी।
किसान के चहरे मुरझाए हुए थे, भारी संकट आन पड़ा था तब हमने प्रार्थना की थी कि महाकाल महाराज प्रदेश में त्राहि-त्राहि मची है, पानी की कमी के कारण कई तरह के संकट उत्पन्न हो गए थे, पानी की मांग और पूर्ति में भी भारी गैप आ गया था और महाराज से प्रार्थना की थी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, खेती का मतलब सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था है। खेती अगर ठीक है तो व्यापारी की दुकान भी चलेगी। व्यापारी की दुकान चलेगी तो कारखानों में बना माल भी उठेगा। फैक्ट्रियां भी चलेंगी, निवेश भी आएगा। सब कुछ निर्भरता वर्षा पर है।
महाकाल महाराज से यही प्रार्थना की थी कि वर्षा कर दो, सच्चे हृदय से अगर प्रार्थना की जाती है तो प्रार्थना स्वीकार होती है, उन्होंने हमारे प्रदेश की जनता की प्रार्थना स्वीकार की और सुवृष्टि एक हफ्ते में मध्य प्रदेश में हुई है। मैं उनके चरणों में फिर प्रणाम करने आया हूं।
मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों से भी अपील की है कि वे अपने-अपने मंदिर में अपनी-अपनी परंपराओं के अनुसार पूजा करके भगवान को जरूर प्रणाम करें। आज अच्छी वर्षा हो रही है तो फिर महाराज की शरण में आए हैं। उनसे प्रार्थना है सब सुखी हों, सब निरोग हों, सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो, अच्छी फसलें हो, महिला सशक्तिकरण हो, मध्यप्रदेश में निवेश आए, रोजगार के अवसर बढ़े, अच्छी शिक्षा हो और सब मिलकर आगे बढ़ें।
–आईएएनएस
एसएनपी/एबीएम