कोलकाता, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को एक पत्र भेजकर पूर्व पीएम शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेजने की अपील की है। इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी की प्रतिक्रिया सामने आई है।
नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना पर क्या करना है, ये फैसला भारत सरकार को लेना है। मैं विदेश मंत्रालय का प्रवक्ता नहीं हूं, लेकिन इतना ही कहूंगा कि भारत का अपना तरीका है, इसके तहत मुजीबुर रहमान को भी राजनीतिक शेल्टर दिया था। भारत ने दलाई लामा को भी प्रोटेक्शन दिया था, इस मुद्दे पर चीन की ओर से भी प्रतिक्रिया आई थी। हमारा देश अतिथि देवो भव: की नीति पर चलता है और मेरे हिसाब से भारत बांग्लादेश की मांग को मानने वाला नहीं है। मैं भारत सरकार की तरफ से नहीं बोल रहा हूं, ये मेरा खुद का मानना है। वहां जो मौलानावादी लोग है, उनके दबाव में वहां की सरकार ये सब कर रही है।”
सुवेंदु अधिकारी ने बंगाल से गिरफ्तार किए गए आतंकी के सवाल पर कहा, “बंगाल में जो सरकार चल रही है, वह तानाशाही है। यहां जितनी भी रेडिकल फोर्स है, वह सब मंत्री हैं। सिद्दीकुल्ला चौधरी ने खगड़ाघाटा हादसे में गिरफ्तार हुए शख्स को सपोर्ट किया था। फिरहाद हाकिम कहते हैं कि हम लोग पॉपुलेशन बढ़ा कर बंगाल और देश में दखल देंगे। वह “दावत ए इस्लाम” की दावत देते हैं और कहते हैं कि बंगाल में उर्दू भाषा पर 50 फीसद से अधिक जोर दिया जाना चाहिए। यह एक जंगी सरकार है। ममता बनर्जी को जो वोट मिला है, उसमें दो करोड़ वोट मुस्लिम लोगों का है। हिंदू वोट भाजपा के साथ है, इसलिए ममता सरकार मुस्लिमों को संरक्षण देने में लगी है।”
उन्होंने रोहिंग्या मुस्लिमों के अवैध घुसपैठ के सवाल पर कहा, “मैं दिल्ली के एलजी को सैल्यूट करता हूं। दिल्ली पुलिस भारत सरकार के अंदर आती है, इसलिए उन्होंने सख्ती बरती है। त्रिपुरा और असम सरकार भी रोहिंग्या घुसपैठियों को गिरफ्तार कर रही है। बंगाल की 11 करोड़ की आबादी है, इसमें एक करोड़ रोहिंग्या घुसपैठिया हैं। रोहिंग्या को संरक्षण, आधार कार्ड, एपिक कार्ड बनाने का काम ममता बनर्जी और उनका एडमिनिस्ट्रेशन कर रहा है, इसलिए केंद्र सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
–आईएएनएस
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