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Home राष्ट्रीय

अति आत्मविश्वास कांग्रेस के लिए हो सकता है घातक

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March 19, 2023
in राष्ट्रीय
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अति आत्मविश्वास कांग्रेस के लिए हो सकता है घातक
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बेंगलुरू, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्ता विरोधी लहर पर सवार कर्नाटक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सत्ता में वापसी के विश्वास से लबरेज है। राज्य के पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी 140 से अधिक सीटें जीतेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

–आईएएनएस

सीबीटी

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बेंगलुरू, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्ता विरोधी लहर पर सवार कर्नाटक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सत्ता में वापसी के विश्वास से लबरेज है। राज्य के पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी 140 से अधिक सीटें जीतेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

–आईएएनएस

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बेंगलुरू, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्ता विरोधी लहर पर सवार कर्नाटक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सत्ता में वापसी के विश्वास से लबरेज है। राज्य के पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी 140 से अधिक सीटें जीतेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

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बेंगलुरू, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्ता विरोधी लहर पर सवार कर्नाटक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सत्ता में वापसी के विश्वास से लबरेज है। राज्य के पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी 140 से अधिक सीटें जीतेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

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बेंगलुरू, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्ता विरोधी लहर पर सवार कर्नाटक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सत्ता में वापसी के विश्वास से लबरेज है। राज्य के पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी 140 से अधिक सीटें जीतेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

–आईएएनएस

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बेंगलुरू, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्ता विरोधी लहर पर सवार कर्नाटक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सत्ता में वापसी के विश्वास से लबरेज है। राज्य के पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी 140 से अधिक सीटें जीतेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

–आईएएनएस

सीबीटी

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बेंगलुरू, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्ता विरोधी लहर पर सवार कर्नाटक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सत्ता में वापसी के विश्वास से लबरेज है। राज्य के पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी 140 से अधिक सीटें जीतेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

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बेंगलुरू, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्ता विरोधी लहर पर सवार कर्नाटक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सत्ता में वापसी के विश्वास से लबरेज है। राज्य के पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी 140 से अधिक सीटें जीतेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

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बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

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कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

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बेंगलुरू, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्ता विरोधी लहर पर सवार कर्नाटक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सत्ता में वापसी के विश्वास से लबरेज है। राज्य के पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी 140 से अधिक सीटें जीतेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

–आईएएनएस

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विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

–आईएएनएस

सीबीटी

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बेंगलुरू, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्ता विरोधी लहर पर सवार कर्नाटक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सत्ता में वापसी के विश्वास से लबरेज है। राज्य के पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी 140 से अधिक सीटें जीतेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

–आईएएनएस

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बेंगलुरू, 19 मार्च (आईएएनएस)। सत्ता विरोधी लहर पर सवार कर्नाटक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सत्ता में वापसी के विश्वास से लबरेज है। राज्य के पार्टी अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी 140 से अधिक सीटें जीतेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पार्टी को उनके वोटों को हासिल करने में सहूलियत होगी, जो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को गए हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कलबुर्गी का दौरा किया तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आयोजित पार्टी सम्मेलन के दौरान खड़गे का अपमान कैसे किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र में शर्मनाक हार झेलने वाले खड़गे हिसाब बराबर करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेके के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच समझौता हो गया है। दोनों नेताओं के समर्थकों ने बयान जारी करना बंद कर दिया है और अपने नेता को भावी सीएम उम्मीदवार के रूप में दावा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के विधायक चुनाव के बाद अपने सीएम उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। कमोबेश दोनों नेता समझ गए हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक की एक के बाद एक यात्राओं से जो कांग्रेस को झटका लग रहा था, वह पलट गया है।

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की जिस परियोजना को भाजपा अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में दावा कर रही है, सोशल मीडिया पर टोल शुल्क, सर्विस रोड आदि की कमियों की भरमार है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने दावा किया कि एक्सप्रेसवे को कभी भी 10 लेन का नहीं बनाया गया था और यह छह लेन का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि अगर सब सर्विस रोड ले लेंगे, तो टोल कौन भरेगा?

इन बयानों ने परियोजना के बारे में भाजपा द्वारा बनाई गई सद्भावना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जुड़ा घोटाला, जिसमें उनके बेटे, एक सरकारी अधिकारी से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और विधायक को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया जाना, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

कांग्रेस ने इस पृष्ठभूमि में केंद्र के साथ-साथ राज्य भाजपा पर भी जोरदार हमला किया और लोगों से कहा कि इससे राज्य में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के उनके आरोप साबित हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 30 सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं, जो अन्य राजनीतिक दलों, ज्यादातर भाजपा से आएंगे। भगवा पार्टी मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश को अपने पाले में लेने में सफल रही है।

कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने पाले में ले लिया है। दो मंत्रियों के भी कांग्रेस में रुचि दिखाने पर विपक्षी पार्टी को सत्ता में आने का भरोसा है। कांग्रेस नेता शिवकुमार पूरी कोशिश कर रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और भाजपा को हार का स्वाद चखाकर राजनीतिक हिसाब चुकता करने को आतुर हैं।

सिद्धारमैया ने आरएसएस और बीजेपी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी का विरोध करता रहूंगा।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट आवंटन कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु है और अगर आलाकमान ने असंतोष को शांत कर दिया, तो पार्टी के पास राज्य में सत्ता हथियाने का एक अच्छा मौका है।

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