मुंबई, 20 मार्च (आईएएनएस)। खाद्य क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में से एक, अदाणी विल्मर ने एचएसएम (हिंदी भाषी बाजार) में मनाए जाने वाले उत्सव के रंगों और उत्साह को प्रतिबिंबित करने के लिए ‘होली के रंग, फॉर्च्यून के संग’ नामक एक अभियान शुरू किया है।
खाद्य तेल, बेसन, बासमती चावल, आटा, दालें, चीनी और पोहा सहित फॉर्च्यून की प्रीमियम पेशकशों को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किए गए ब्रांड ने होली का जश्न मनाने के लिए एक जीवंत और मनोरम 70 सेकंड की डिजिटल फिल्म के साथ अभियान शुरू किया।
ओगिल्वी इंडिया द्वारा परिकल्पित यह फिल्म तरह-तरह के रंगों के जरिए त्योहार की जीवंतता को स्पष्ट रूप से चित्रित करती है और देशभर में जोरदार और उत्साहपूर्ण समारोहों को प्रदर्शित करती है।
फिल्म सड़कों से लेकर रसोई तक के रंगीन उत्सवों के सार को दर्शाती है, जहां पारंपरिक होली व्यंजन, जैसे ‘गुजिया’ और ‘खस्ता मठरी’ फॉर्च्यून उत्पादों का उपयोग कर तैयार किए जाते हैं। इनमें कच्ची घानी सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल शामिल हैं।
इसका समापन इस संदेश के साथ होता है, “तो आप भी अपने ढंग से होली मनाइए और फॉर्च्यून से त्योहार की रौनक बढ़ाइए! क्योंकि फॉर्च्यून के हर रंग में है कुछ खास #फॉर्च्यूनवालीहोली।”
यह अभियान फॉर्च्यून के मूल ब्रांड मूल्यों के साथ गहराई से मेल खाता है, जो परंपराओं के पोषण और भारत की भावना को मूर्त रूप देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। घर पर बने व्यंजनों के चित्रण के साथ यह अभियान परिवारों के भीतर प्यार और पालन-पोषण के महत्व पर जोर देता है – एक संदेश जिसे फॉर्च्यून ने वर्षों से समर्थन दिया है।
अदाणी विल्मर के उपाध्यक्ष (बिक्री और मार्केटिंग), मुकेश मिश्रा ने लघु फिल्म पर टिप्पणी करते हुए कहा, “होली पूरे भारत में लाखों लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है। यह एक ऐसा समय है, जब समुदाय एक साथ आते हैं, बाधाओं को पार करते हुए असीमित खुशियां फैलाते हैं।”
उन्होंने कहा : “फॉर्च्यून में हम इन मूल्यों को गहराई से संजोते हैं और भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने में गहराई से निहित एक ब्रांड के रूप में हम अपने उपभोक्ताओं के साथ अधिक भावनात्मक स्तर पर जुड़ने के लिए रोमांचित हैं, खासकर एचएसएम (हिंदी भाषी बाजार) क्षत्र में, जहां होली का अत्यधिक महत्व है।”
मिश्रा ने अंत में कहा, “हम समझते हैं कि होली जैसे त्योहार केवल भोजन के बारे में नहीं हैं, वे यादें बनाने, खुशियां साझा करने और बंधनों को मजबूत करने के बारे में हैं। यही कारण है कि हमारी होली की पहल खाना पकाने की जरूरी चीजें मुहैया करने से परे है। यह उत्सव और खुशी के क्षण एक साथी बनने के बारे में है, जो उत्सव को घर के मूलतत्व से समृद्ध करते हैं।”
–आईएएनएस
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