नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। संसद के नए भवन के उद्घाटन के साथ ही भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से जुड़े संगठनों ने इसे लेकर देशव्यापी अभियान का खाका तैयार कर लिया है।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस अभियान को लेकर सबसे पहले पहल करते हुए कहा है कि यह नया संसद भवन अध्यात्म और राष्ट्रीयता का प्रतीक है और विहिप इस संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी।
विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
विहिप महासचिव ने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो इस पवित्र राष्ट्र के निहित लक्षण हैं। अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद को इस देश की दो आंखें बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस आयोजन को राष्ट्र का गौरव मानती है, क्योंकि इसने इस राष्ट्र की ऐतिहासिक, पवित्र संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है और साथ ही कुछ राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना का राजनीतिकरण करने के प्रयास की निंदा भी करती है।
उन्होंने कहा कि विहिप इस अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद के संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी, जब विहिप अपने स्थापना के 60वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।
–आईएएनएस
एसटीपी/एसजीके
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नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। संसद के नए भवन के उद्घाटन के साथ ही भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से जुड़े संगठनों ने इसे लेकर देशव्यापी अभियान का खाका तैयार कर लिया है।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस अभियान को लेकर सबसे पहले पहल करते हुए कहा है कि यह नया संसद भवन अध्यात्म और राष्ट्रीयता का प्रतीक है और विहिप इस संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी।
विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
विहिप महासचिव ने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो इस पवित्र राष्ट्र के निहित लक्षण हैं। अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद को इस देश की दो आंखें बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस आयोजन को राष्ट्र का गौरव मानती है, क्योंकि इसने इस राष्ट्र की ऐतिहासिक, पवित्र संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है और साथ ही कुछ राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना का राजनीतिकरण करने के प्रयास की निंदा भी करती है।
उन्होंने कहा कि विहिप इस अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद के संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी, जब विहिप अपने स्थापना के 60वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।
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विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस अभियान को लेकर सबसे पहले पहल करते हुए कहा है कि यह नया संसद भवन अध्यात्म और राष्ट्रीयता का प्रतीक है और विहिप इस संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी।
विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
विहिप महासचिव ने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो इस पवित्र राष्ट्र के निहित लक्षण हैं। अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद को इस देश की दो आंखें बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस आयोजन को राष्ट्र का गौरव मानती है, क्योंकि इसने इस राष्ट्र की ऐतिहासिक, पवित्र संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है और साथ ही कुछ राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना का राजनीतिकरण करने के प्रयास की निंदा भी करती है।
उन्होंने कहा कि विहिप इस अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद के संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी, जब विहिप अपने स्थापना के 60वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।
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विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस अभियान को लेकर सबसे पहले पहल करते हुए कहा है कि यह नया संसद भवन अध्यात्म और राष्ट्रीयता का प्रतीक है और विहिप इस संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी।
विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
विहिप महासचिव ने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो इस पवित्र राष्ट्र के निहित लक्षण हैं। अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद को इस देश की दो आंखें बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस आयोजन को राष्ट्र का गौरव मानती है, क्योंकि इसने इस राष्ट्र की ऐतिहासिक, पवित्र संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है और साथ ही कुछ राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना का राजनीतिकरण करने के प्रयास की निंदा भी करती है।
उन्होंने कहा कि विहिप इस अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद के संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी, जब विहिप अपने स्थापना के 60वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।
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विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
विहिप महासचिव ने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो इस पवित्र राष्ट्र के निहित लक्षण हैं। अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद को इस देश की दो आंखें बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस आयोजन को राष्ट्र का गौरव मानती है, क्योंकि इसने इस राष्ट्र की ऐतिहासिक, पवित्र संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है और साथ ही कुछ राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना का राजनीतिकरण करने के प्रयास की निंदा भी करती है।
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विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
विहिप महासचिव ने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो इस पवित्र राष्ट्र के निहित लक्षण हैं। अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद को इस देश की दो आंखें बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस आयोजन को राष्ट्र का गौरव मानती है, क्योंकि इसने इस राष्ट्र की ऐतिहासिक, पवित्र संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है और साथ ही कुछ राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना का राजनीतिकरण करने के प्रयास की निंदा भी करती है।
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विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस अभियान को लेकर सबसे पहले पहल करते हुए कहा है कि यह नया संसद भवन अध्यात्म और राष्ट्रीयता का प्रतीक है और विहिप इस संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी।
विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
विहिप महासचिव ने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो इस पवित्र राष्ट्र के निहित लक्षण हैं। अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद को इस देश की दो आंखें बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस आयोजन को राष्ट्र का गौरव मानती है, क्योंकि इसने इस राष्ट्र की ऐतिहासिक, पवित्र संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है और साथ ही कुछ राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना का राजनीतिकरण करने के प्रयास की निंदा भी करती है।
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विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस अभियान को लेकर सबसे पहले पहल करते हुए कहा है कि यह नया संसद भवन अध्यात्म और राष्ट्रीयता का प्रतीक है और विहिप इस संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी।
विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
विहिप महासचिव ने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो इस पवित्र राष्ट्र के निहित लक्षण हैं। अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद को इस देश की दो आंखें बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस आयोजन को राष्ट्र का गौरव मानती है, क्योंकि इसने इस राष्ट्र की ऐतिहासिक, पवित्र संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है और साथ ही कुछ राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना का राजनीतिकरण करने के प्रयास की निंदा भी करती है।
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विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
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विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
विहिप महासचिव ने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो इस पवित्र राष्ट्र के निहित लक्षण हैं। अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद को इस देश की दो आंखें बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस आयोजन को राष्ट्र का गौरव मानती है, क्योंकि इसने इस राष्ट्र की ऐतिहासिक, पवित्र संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है और साथ ही कुछ राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना का राजनीतिकरण करने के प्रयास की निंदा भी करती है।
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विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस अभियान को लेकर सबसे पहले पहल करते हुए कहा है कि यह नया संसद भवन अध्यात्म और राष्ट्रीयता का प्रतीक है और विहिप इस संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी।
विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
विहिप महासचिव ने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो इस पवित्र राष्ट्र के निहित लक्षण हैं। अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद को इस देश की दो आंखें बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस आयोजन को राष्ट्र का गौरव मानती है, क्योंकि इसने इस राष्ट्र की ऐतिहासिक, पवित्र संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है और साथ ही कुछ राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना का राजनीतिकरण करने के प्रयास की निंदा भी करती है।
उन्होंने कहा कि विहिप इस अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद के संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी, जब विहिप अपने स्थापना के 60वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।
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विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस अभियान को लेकर सबसे पहले पहल करते हुए कहा है कि यह नया संसद भवन अध्यात्म और राष्ट्रीयता का प्रतीक है और विहिप इस संदेश को आने वाले दिनों में पूरे देश में ले जाएगी।
विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के लोगों की अंतर्निहित एकता, परंपरा, संस्कृति, जीवन मूल्य (मूल्यों) को दर्शाता एक महान आयोजन है।
विहिप महासचिव ने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो इस पवित्र राष्ट्र के निहित लक्षण हैं। अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद को इस देश की दो आंखें बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस आयोजन को राष्ट्र का गौरव मानती है, क्योंकि इसने इस राष्ट्र की ऐतिहासिक, पवित्र संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है और साथ ही कुछ राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना का राजनीतिकरण करने के प्रयास की निंदा भी करती है।
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