नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने सोमवार को दिल्ली और पंजाब के अपने नेताओं से मुलाकात की और अध्यादेश विवाद पर अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन देने और 2024 के लिए गठबंधन की जरूरत सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की। पार्टी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि फैसले की घोषणा जल्द की जाएगी।
इससे पहले दिन में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए आप के साथ गठबंधन और केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर आप का समर्थन करने को लेकर पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी के साथ के साथ बैठक की। उन्होंने दिल्ली और पंजाब के पार्टी नेताओं से भी अलग-अलग मुलाकात की।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली इकाई के कई पार्टी नेताओं, जिनमें पूर्व राज्य प्रमुख अजय माकन भी शामिल हैं, ने 2024 के आम चुनाव के लिए आप के साथ गठबंधन और अध्यादेश विवाद पर उसका समर्थन करने का विरोध किया है।
इस बीच, पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी आप के साथ गठबंधन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जहां वैचारिक मतभेद हैं, वहां गठबंधन नहीं हो सकता। पार्टी के पंजाब नेतृत्व ने यहां पार्टी प्रमुख खड़गे से मुलाकात कर अपनी राय दे दी है।
बैठक में मौजूद वेणुगोपाल ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, आज हमने पार्टी के दिल्ली और पंजाब के नेतृत्व के साथ इस इन मुद्दोंपर चर्चा की।
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी ने केजरीवाल के अनुरोध पर खड़गे के साथ बैठक करने का फैसला किया है, वेणुगोपाल ने कहा, अभी हम आपसी विचार-विमर्श कर रहे हैं। फैसला हो जाने पर हम आपको बताएंगे।
कांग्रेस की बैठक अध्यादेश के मुद्दे पर खड़गे और पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी से मिलने के केजरीवाल के अनुरोध के मद्देनजर बुलाई गई। केजरीवाल आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं।
केजरीवाल ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा था, भाजपा सरकार द्वारा पारित अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन लेने और संघीय ढांचे पर हमले के खिलाफ विपक्षी एकता पर चर्चा करने के लिए हमने आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी और राहुल गांधी जी से मिलने का समय मांगा है।
पिछले सोमवार को वेणुगोपाल ने कहा था, कांग्रेस पार्टी ने अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में दिल्ली सरकार की एनसीटी की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाए गए अध्यादेश के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया है। यह अपनी राज्य इकाइयों और समान विचारधारा वाले अन्य दलों से परामर्श करेगी। पार्टी कानून के शासन में विश्वास करती है। हम किसी के साथ अनावश्यक टकराव नहीं चाहते, पार्टी राजनीतिक विच-हंट और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ किसी भी राजनीतिक दल द्वारा झूठ पर आधारित अभियानों को नजरअंदाज नहीं करती है।
दिल्ली और पंजाब के कई कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर केजरीवाल का समर्थन करने का विरोध किया है। माकन, संदीप दीक्षित और सुखजिंदर सिंह रंधावा जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने पहले ही कहा था कि पार्टी को आप का समर्थन नहीं करना चाहिए।
–आईएएनएस
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