जबलपुर. पति की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन खारिज किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की चुनौती दी गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस विनय सराफ ने पाया कि मृतक कर्मचारी के परिवार में पांच सदस्य है. परिवार रक्षा पेंशन मिलने के कारण उन्हें गरीब वर्ग का नहीं मानते हुए आवेदन को निरस्त किया गया है.
एकलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए अपने आदेश में कहा है कि एफएक्यू में वित्तीय स्थिति समीक्षा करते हुए आवेदन पर पुनर्विचार किया जाये.
याचिकाकर्ता साधना सिंह की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उनके पति नीरज कुमार की इलाहाबाद बैंक में क्लर्क पद पर 5 जुलाई 2019 को नियुक्ति मिली थी. उनके पति का चयन 29 जुलाई से 9 अगस्त 2019 तक लखनऊ में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में हुआ था. लखनऊ रेलवे स्टेशन में उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गयी थी.
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इलाहाबाद बैंक बाद में इंडियन बैंक में मर्ज हो गया था. उसके अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दायर किया था. जिसे इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि नियुक्ति सिर्फ 6 माह के लिए अस्थाई तौर पर प्रदान की गयी थी. इसके अलावा एफएक्यू के अनुसार परिवार गरीब वर्ग में नहीं आता है और उन्हें लगभग 32 हजार रूपये पारिवारिक सुरक्षा पेंशन मिल रही है.
याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि पति का स्थाई पद पर चयन के आधार पर नियुक्ति प्रदान की गयी थी. इसके अलावा परिवार में मृतक के वृद्ध माता-पिता,दो बेटिया तथा पत्नी है और पेंशन के अलावा आय को कोई अन्य स्रोत नहीं है. एकलपीठ ने पाया कि एफएक्यू के समय और वर्तमान समय में अंदर है.
परिवार के पास पेंशन के अलावा आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है. मृतक को स्थाई पद के एवज में नियुक्ति प्रदान की गयी थी. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि आदेश की प्रति प्रदान होने के तीन माह के अंदर इंडियन बैंक याचिकाकर्ता के आवेदन पर पुनर्विचार करें.