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Home ताज़ा समाचार

अन्नपूर्णा भवनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर रही योगी सरकार

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December 17, 2024
in ताज़ा समाचार
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लखनऊ, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में खाद्यान्न आपूर्ति को बेहतर बनाने और भंडारण को सुरक्षित रखने के लिए अत्याधुनिक अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण करवा रहे हैं। इन भवनों का उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली को स्थायी और प्रभावी बनाना है, जिससे कोटेदार के बदलने पर भी राशन दुकानों की स्थिरता बनी रहे। प्रदेश में अब तक 3,213 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 1,630 भवनों का कार्य प्रगति पर है।

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

–आईएएनएस

एसके/

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लखनऊ, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में खाद्यान्न आपूर्ति को बेहतर बनाने और भंडारण को सुरक्षित रखने के लिए अत्याधुनिक अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण करवा रहे हैं। इन भवनों का उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली को स्थायी और प्रभावी बनाना है, जिससे कोटेदार के बदलने पर भी राशन दुकानों की स्थिरता बनी रहे। प्रदेश में अब तक 3,213 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 1,630 भवनों का कार्य प्रगति पर है।

योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

–आईएएनएस

एसके/

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

–आईएएनएस

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

–आईएएनएस

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

–आईएएनएस

एसके/

लखनऊ, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में खाद्यान्न आपूर्ति को बेहतर बनाने और भंडारण को सुरक्षित रखने के लिए अत्याधुनिक अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण करवा रहे हैं। इन भवनों का उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली को स्थायी और प्रभावी बनाना है, जिससे कोटेदार के बदलने पर भी राशन दुकानों की स्थिरता बनी रहे। प्रदेश में अब तक 3,213 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 1,630 भवनों का कार्य प्रगति पर है।

योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

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लखनऊ, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में खाद्यान्न आपूर्ति को बेहतर बनाने और भंडारण को सुरक्षित रखने के लिए अत्याधुनिक अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण करवा रहे हैं। इन भवनों का उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली को स्थायी और प्रभावी बनाना है, जिससे कोटेदार के बदलने पर भी राशन दुकानों की स्थिरता बनी रहे। प्रदेश में अब तक 3,213 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 1,630 भवनों का कार्य प्रगति पर है।

योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

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योगी सरकार का उद्देश्य इन भवनों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में विकसित करना है। यहां की सुविधाएं लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगी। मनरेगा के तहत इन भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि उचित दर की दुकानों के संचालन के लिए भी सहायक होंगे। ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे इन अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

अन्नपूर्णा भवनों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। पहले उचित दर की दुकानें अक्सर संकरी गलियों में स्थित होती थीं, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति वाहन और ग्राहकों को कठिनाई होती थी। अब इन भवनों के विकसित होने से खाद्यान्न वाहन और आम जनता की पहुंच सुगम हो गई है।

अन्नपूर्णा भवन न केवल खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र होगा, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। भवन में स्टोर के लिए दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं। एक कक्ष में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे कक्ष में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा, भवनों में जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। यह व्यवस्था लोगों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए भवनों के निर्माण के लिए सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र करें। जैसे ही भूमि का चयन पूरा होगा, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

–आईएएनएस

एसके/

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