नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। वह खिलाड़ियों और क्रिकेट से जुड़े मुद्दों पर अक्सर अपनी राय रखते हैं। एक बार फिर उनके बयान ने भारतीय क्रिकेट जगत में हलचल तेज कर दी है। उनका कहना है कि अन्य टूर्नामेंटों की लाइमलाइट के कारण रणजी ट्रॉफी का महत्व धीरे-धीरे कम हो रहा है।
गावस्कर ने कहा कि खिलाड़ियों को राज्य टीमों से निकालकर अन्य टूर्नामेंटों में भाग लेने के लिए छूट दी जा रही है, जिसके कारण प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी का मान घट रहा है।
रणजी ट्रॉफी इस महीने की शुरुआत में शुरू हुई थी, लेकिन दूसरे राउंड के बाद से ही कई खिलाड़ी टूर्नामेंट में खेलने से चूक गए हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ चल रहे टेस्ट मैचों के अलावा, तिलक वर्मा की अगुवाई वाली भारत ‘ए’ टीम फिलहाल ओमान में एसीसी इमर्जिंग मेन्स टी20 एशिया कप में खेल रही है।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ के खिलाफ दो मैचों की रेड-बॉल सीरीज खेली जाएगी, जबकि सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली टी20 टीम चार मैचों की सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगी।
इसके विपरीत, स्टीव स्मिथ, नाथन लियोन और मिचेल स्टार्क जैसे कई नियमित ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी घरेलू रेड-बॉल शेफील्ड शील्ड प्रतियोगिता में अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ मौजूदा श्रृंखला खेल रहा है, हमारे कुछ खिलाड़ी इमर्जिंग प्लेयर एशिया कप में भाग ले रहे हैं। रणजी ट्रॉफी सीजन शुरू हो चुका है और अगर खिलाड़ियों को इस तरह के आयोजनों में खेलने के लिए ले जाया जा रहा है, तो राष्ट्रीय टूर्नामेंट का महत्व कम हो रहा है।”
गावस्कर ने सोमवार को स्पोर्टस्टार में अपने कॉलम में लिखा, “अगले महीने, ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले दक्षिण अफ्रीका में चार मैचों की टी20 सीरीज खेली जानी है। ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर ‘ए’ टीम भी जाएगी, इसलिए प्रभावी रूप से लगभग 50-60 खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में अपनी राज्य टीमों के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।”
उन्होंने यह भी बताया कि जब से आईपीएल शुरू हुआ है, रणजी ट्रॉफी को सम्मान नहीं दिया जाता। कोई भी अन्य प्रमुख देश अपने राष्ट्रीय टूर्नामेंट को भारत की तरह लापरवाही से नहीं लेता। क्या आपने कभी इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया को अपने घरेलू सत्रों के दौरान ‘ए’ टूर आयोजित करते या अन्य आयोजनों में भाग लेते देखा है?
गावस्कर ने अपनी बात खत्म करते हुए कहा, “उनके घरेलू सत्र आज भी महत्व रखते हैं, लेकिन जब से आईपीएल आया है, रणजी ट्रॉफी की पहचान खोती जा रही है। उम्मीद है कि अगले सत्र से इसमें बदलाव आएगा।”
–आईएएनएस
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