सैन फ्रांसिस्को, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। सामाजिक चर्चा मंच रेड्डिट ने घोषणा की है कि वह अपने एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के उपयोग के लिए शुल्क लेना शुरू कर देगा।
टेकक्रंच की रिपोर्ट के अनुसार, रेड्डिट का एपीआई उन डेवलपर्स के लिए मुफ्त में उपलब्ध रहेगा जो ऐसे ऐप और बॉट बनाना चाहते हैं जो लोगों को रेड्डिट का उपयोग करने में मदद करते हैं, साथ ही शोधकर्ता जो केवल अकादमिक या गैर-वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए रेड्डिट का अध्ययन करना चाहते हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने सबसे पहले इस खबर को रिपोर्ट किया।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि रेड्डिट के सह-संस्थापक और सीईओ, स्टीव हफमैन के अनुसार, जो कंपनियां अपने उपयोगकर्ताओं को कोई लाभ प्रदान किए बिना रेड्डिट से डेटा निकालती हैं, उन्हें अब शुल्क का भुगतान करना होगा।
हफमैन के हवाले से कहा गया, यह हमारे लिए चीजों को कसने का अच्छा समय है। हमें लगता है कि यह उचित है।
रिपोर्ट के मुताबिक, रेड्डिट उपयोगकर्ता-जनित कंटेंट के अपने व्यापक संग्रह का मुद्रीकरण करने के लिए रास्ते तलाश रहा है।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब मंच के कंटेंट ओपनएआई के चैटजीपीटी और जीपीटी-4 जैसे प्रमुख टेक्स्ट-जनरेटिंग मशीन लर्निग मॉडल के प्रशिक्षण के लिए उच्च मांग में रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रेड्डिट के 1.2 मिलियन से अधिक विशेष रुचि वाले समुदायों में लगभग 430 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 138,000 सक्रिय हैं।
इस बीच, रेड्डिट ने एक नया फीचर पेश किया है जो टेक्स्ट और वीडियो पोस्ट को अलग-अलग फीड में विभाजित करता है।
कंपनी ने नए फीचर की घोषणा की जिसमें उल्लेख किया गया है कि प्लेटफॉर्म पर वीडियो कंटेंट वॉच फीड ²श्य में खींची जाएगी, जबकि टेक्स्ट कंटेंट रीड फीड में दिखाई देगा।
–आईएएनएस
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