काबुल, 4 जनवरी (आईएएनएस)। अफगानिस्तान के पश्चिमी निमरोज प्रांत में काउंटर नार्कोटिक्स पुलिस ने एक बड़ी तस्करी की कोशिश को नाकाम कर दिया। पुलिस ने 1,000 किलोग्राम से अधिक अवैध ड्रग्स और हेरोइन बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों को जब्त किया। हालांकि इस कार्रवाई के दौरान किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।
साथ ही एक अन्य अभियान में, पुलिस ने निमरोज प्रांत के कांग जिले में भी एक ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया और उसके पास से 66 किलोग्राम अफीम बरामद की।
अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने अफीम की खेती, ड्रग्स के प्रसंस्करण और तस्करी पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने अफगानिस्तान को नशीली दवाओं से मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता जताई है। अफगानिस्तान लंबे समय से युद्ध और गृहयुद्ध के कारण बुरी तरह प्रभावित रहा है और यहां के तीन मिलियन से अधिक लोग नशीली दवाओं के आदी हैं।
इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए अफगान सरकार ने नशीली दवाओं के उत्पादन और लत को खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाने का संकल्प लिया है। इस दिशा में एक पहल के रूप में, काबुल के पास पुल-ए-चरखी इलाके में एक पुनर्वास केंद्र स्थापित किया गया है, जहां नशीली दवाओं के आदी 550 लोगों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
फरीदुल्लाह, जो इस केंद्र में पांच महीने से रहकर जूता बनाने का प्रशिक्षण ले रहा है, ने बताया कि वह अब स्वस्थ है और भविष्य में जूता बनाने की दुकान खोलने का सपना देखता है। उसने नशे के आदी लोगों से अपील की कि वे नशे काे छोड़कर पुनर्वास केंद्र में शामिल हों। यहां आकर वे लोग एक नया कौशल सीख सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
विश्वविद्यालय का एक पूर्व छात्र सईद यासर सदात यहां अब इलेक्ट्रो-मैकेनिक्स का अध्ययन कर रहा है। वह भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मरम्मत की दुकान खोलने की योजना बना रहा है। उसने प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्रमाण पत्र प्राप्त किया और अब वह अपने भविष्य के लिए तैयार है।
शिविर के निदेशक एज़ातुल्लाह रहमत ने कहा कि डेढ़ साल में 1,600 लोग इस शिविर से प्रशिक्षित हो चुके हैं। तीन महीने के उपचार के बाद, ठीक हो चुके नशेड़ी इस शिविर में आते हैं और कुशल श्रमिक बनने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।
–आईएएनएस
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