वाशिंगटन, 27 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिका के मेम्फिस शहर में रैश ड्राइविंग के चलते हिरासत में लिए गए एक अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति की तीन दिन बाद 10 जनवरी को मौत हो गई। उसके शरीर पर चोटों के निशान थे, ऐसे में पांच पुलिस अधिकारियों पर मर्डर का आरोप लगाया गया है।
शहर के पुलिस प्रमुख के रूप में सेवा करने वाली पहली अश्वेत महिला सेरेलिन डेविस ने गुरुवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, पांचों को पिछले सप्ताह एक जांच के बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
बीबीसी की रिपोर्ट अधिकारी 29 वर्षीय टायर निकोल्स के मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है।
ये पांच पुलिस अधिकारी टैडेरियस बीन, डेमेट्रियस हेली, डेसमंड मिल्स जूनियर, एम्मिट मार्टिन और जस्टिन स्मिथ है। इन सभी पर गंभीर हमले, उग्र अपहरण, आधिकारिक कदाचार और आधिकारिक उत्पीड़न का आरोप हैं।
ये सभी फिलहाल हिरासत में हैं।
अधिकारियों ने 7 जनवरी को हुई गिरफ्तारी के शुक्रवार को फुटेज जारी करने की योजना बनाई है।
एक अपील में डेविस ने क्लिप के वायरल होने के बाद लोगों से शांति बनाए रहने का आग्रह किया है।
उन्होंने आरोपी अधिकारियों के कथित आचरण के बारे में कहा, यह सिर्फ एक पेशेवर विफलता नहीं है, यह दूसरे व्यक्ति के प्रति बुनियादी मानवता की विफलता है।
वीडियो क्लिप जारी होने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी शांतिपूर्ण विरोध का आह्वान किया है।
निकोलस परिवार और उनकी कानूनी टीम ने वीडियो फुटेज की निजी तौर पर समीक्षा की। इसके बाद वकील एंटोनियो रोमानुची ने कहा कि पीड़ित को बुरी तरह पीटा गया।
बीबीसी ने वकील के हवाले से कहा, पीड़ित की कई मिनटों तक बिना रुके पिटाई की गई थी।
बुधवार को, परिवार के वकीलों ने कहा कि पोस्टमॉर्टम जांच में पता चला है कि टायर निकोलस को बुरी तरह पीटा गया था।
परिवार के एक वकील ने कहा कि एक स्थानीय पार्क में सूर्यास्त की तस्वीरें लेने के बाद घर जाते समय टायर निकोलस को पुलिस ने रोक लिया।
वकील ने फुटेज की समीक्षा करने के बाद कहा कि पुलिस अधिकारी निकोलस को मिर्च-स्प्रे, टसर, संयमित और लात मारते हुए देखा जा सकता है।
अमेरिकी नागरिक अधिकार नेता रेवरेंड अल शरपटन ने बीबीसी को बताया कि अधिकारियों के कर्तव्य को देखते हुए यह अपराध विशेष रूप से बेहद गंभीर है।
उन्होंने कहा, उनके लिए इस तरह के क्रूर तरीके से कार्य करना, जितना मैं आपको बता सकता हूं, उससे कहीं अधिक घटिया और अहंकारी है। मुझे विश्वास नहीं है कि इन पांच अश्वेत पुलिस अधिकारियों ने ऐसा किया है।
इस बीच एफबीआई और न्याय विभाग ने मामले की नागरिक अधिकारों की जांच शुरू कर दी है।
–आईएएनएस
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