नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर आपदा से जूझने की तैयारी को बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार 24 अक्टूबर से देश भर में ग्राम पंचायत स्तर पर रियल टाइम मौसम पूर्वानुमान व्यवस्था शुरू करने जा रही है। इस बारे में बुधवार को पंचायती राज मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई है।
पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर), भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के सहयोग ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में “ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान” प्रणाली शुरू करने जा रहा है।
इस पहल से देश भर के किसानों और ग्रामीणों को सीधे लाभ मिलेगा, जमीनी स्तर पर शासन व्यवस्था मजबूत होगी और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार के 100 दिनों के एजेंडे के हिस्से के रूप में यह पहल जमीनी स्तर पर शासन को मजबूत बनाने, दीर्घकालीन कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने, ग्रामीण आबादी को अधिक जलवायु अनुकूल बनाने और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए कारगर साबित होगी।
पंचायती राज मंत्रालय के अनुसार, यह पहली बार है कि स्थानीय मौसम पूर्वानुमान ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध होगा, जो आईएमडी के विस्तारित सेंसर व्यवस्था का हिस्सा होगा।
पूर्वानुमानों को मंत्रालय के डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा। ई-ग्रामस्वराज- जो कुशल शासन, परियोजना ट्रैकिंग और संसाधन प्रबंधन को सक्षम बनाता है; मेरी पंचायत ऐप, जो नागरिकों को स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने और मुद्दों की रिपोर्ट करने की अनुमति देकर सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देता है; और ग्राम मंच, एक स्थानिक नियोजन उपकरण जो विकास परियोजनाओं के लिए भू-स्थानिक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान” पर एक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित भी की जाएगी। इस कार्यशाला में पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि और राज्य पंचायती राज अधिकारियों सहित 200 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे। यह प्रशिक्षण सत्र पंचायत प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर मौसम पूर्वानुमान उपकरणों और संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए ज्ञान और कौशल प्रदान करेगा जिससे वे अपने समुदाय को जलवायु अनुकूल बनाने संबंधी निर्णय लेने में सक्षम हों।
–आईएएनएस
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