पटना, 30 मार्च (आईएएनएस)। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से ही तस्कर और पुलिस के बीच तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात वाला खेल चल रहा है। पुलिस तस्करों को पकड़ने के लिए हर कोशिश कर रही है, तो तस्कर भी शराब तस्करी के लिए रोज नए और एक से बढ़कर एक अनोखे तरीके ढूंढ रहे हैं।
पिछले दिनों गया जिले के डोभी में एक एंबुलेंस में रखे ताबूत से शव नहीं, बल्कि शराब की बोतलें निकलने लगी थीं। शराब तस्करों के इस नए तरीके को देखकर पुलिस भी हैरान रह गई थी।
इस भंडाफोड़ को अभी कुछ दिन गुजरे ही हैं कि मुजफ्फरपुर में श्मशान घाट पर ही शराब की अवैध भट्टी का भंडाफोड़ किया है। श्मशान घाट पर शराब बनाने की व्यवस्था देख पुलिस के होश उड़ गए। शराब बनाने के लिए श्मशान घाट को ही अड्डा बना लिया गया था।
बताया जाता है कि लोगों की नजर से बचने के लिए तस्कर अर्थी पर शराब बनाने के सामान को लेकर श्मशान घाट जाते थे, और कुछ दूर जाकर भट्ठी तैयार करके उसमें देसी शराब बनाते थे।
भट्ठी से धुआं निकलता देखकर लोगों को शराब बनाने का शक भी नहीं होता था, लोग किसी शव के जलने की बात समझकर अनदेखा कर देते थे। कुछ दिनों से यह खेल चल रहा था। जब कुछ लोगों को शक हुआ, तो इसकी भनक पुलिस को भी जा लगी।
पुलिस ने लोगों के द्वारा मिली इस सूचना पर बुधवार को सदर थाना क्षेत्र के सुस्ता माधोपुर गांव के श्मशान घाट में छापेमारी की, तो पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया। पुलिस ने यहां से शराब बनाने के कई सामान बरामद किए हैं।
सदर थाना प्रभारी सतेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि मामले की जानकारी मिली थी कि लाश जलाने के बहाने यहां नकली शराब बनाई जाती थी, इसी आधार पर छापेमारी की गई।
उन्होंने बताया कि पुलिस आने की भनक लगते ही माफिया फरार हो गए , इस कारण किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस अब तस्करों की जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।
उल्लेखनीय है कि सरकार और विभाग शराबबंदी कानून को लागू करने का हर संभव प्रयास कर रही है। इससे पहले तालाबों से भी शराब की बोतलें बरामद की जा चुकी हैं।
बिहार में किसी भी प्रकार की शराब की खरीद, बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध है।
–आईएएनएस
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