नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। अब आसानी से मध्य पूर्व के देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में यूपीआई से भुगतान किया जा सकेगा। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड ने मिडिल ईस्ट और अफ्रीका की बड़ी डिजिटल कॉमर्स कंपनी नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ साझेदारी की है।
यूएई में अब भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर पाएंगे।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जून में लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी। इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इस दौरान यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
यूपीआई के लेनदेन में बढ़त की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना और यूपीआई को विदेशों में भी लॉन्च करना है।
–आईएएनएस
एबीएस/एसकेपी
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नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। अब आसानी से मध्य पूर्व के देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में यूपीआई से भुगतान किया जा सकेगा। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड ने मिडिल ईस्ट और अफ्रीका की बड़ी डिजिटल कॉमर्स कंपनी नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ साझेदारी की है।
यूएई में अब भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर पाएंगे।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जून में लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी। इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इस दौरान यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
यूपीआई के लेनदेन में बढ़त की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना और यूपीआई को विदेशों में भी लॉन्च करना है।
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यूएई में अब भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर पाएंगे।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जून में लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी। इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इस दौरान यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
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एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
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एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जून में लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी। इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इस दौरान यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
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यूएई में अब भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर पाएंगे।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जून में लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी। इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इस दौरान यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
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एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
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एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
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यूपीआई के लेनदेन में बढ़त की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना और यूपीआई को विदेशों में भी लॉन्च करना है।
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एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जून में लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी। इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इस दौरान यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
यूपीआई के लेनदेन में बढ़त की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना और यूपीआई को विदेशों में भी लॉन्च करना है।
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यूएई में अब भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर पाएंगे।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जून में लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी। इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इस दौरान यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
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एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
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एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
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यूएई में अब भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर पाएंगे।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
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यूपीआई के लेनदेन में बढ़त की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना और यूपीआई को विदेशों में भी लॉन्च करना है।
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नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। अब आसानी से मध्य पूर्व के देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में यूपीआई से भुगतान किया जा सकेगा। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड ने मिडिल ईस्ट और अफ्रीका की बड़ी डिजिटल कॉमर्स कंपनी नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ साझेदारी की है।
यूएई में अब भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर पाएंगे।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जून में लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी। इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इस दौरान यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
यूपीआई के लेनदेन में बढ़त की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना और यूपीआई को विदेशों में भी लॉन्च करना है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। अब आसानी से मध्य पूर्व के देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में यूपीआई से भुगतान किया जा सकेगा। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड ने मिडिल ईस्ट और अफ्रीका की बड़ी डिजिटल कॉमर्स कंपनी नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ साझेदारी की है।
यूएई में अब भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर पाएंगे।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जून में लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी। इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इस दौरान यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
यूपीआई के लेनदेन में बढ़त की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना और यूपीआई को विदेशों में भी लॉन्च करना है।
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नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। अब आसानी से मध्य पूर्व के देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में यूपीआई से भुगतान किया जा सकेगा। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड ने मिडिल ईस्ट और अफ्रीका की बड़ी डिजिटल कॉमर्स कंपनी नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ साझेदारी की है।
यूएई में अब भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर पाएंगे।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जून में लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी। इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इस दौरान यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
यूपीआई के लेनदेन में बढ़त की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना और यूपीआई को विदेशों में भी लॉन्च करना है।
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नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। अब आसानी से मध्य पूर्व के देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में यूपीआई से भुगतान किया जा सकेगा। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड ने मिडिल ईस्ट और अफ्रीका की बड़ी डिजिटल कॉमर्स कंपनी नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ साझेदारी की है।
यूएई में अब भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर पाएंगे।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि यूएई के मर्चेंट्स के बीच यूपीआई पेमेंट की बढ़ती हुई स्वीकार्यता केवल भारतीय यात्रियों के लिए ही नहीं सुविधाजनक होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रमोट करेगा।
एनपीसीआई ने कहा है कि 2024 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों का आंकड़ा 98 लाख पहुंचने का अनुमान है। अकेले यूएई में 53 लाख के करीब भारतीयों के पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर यूपीआई को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जून में लेनदेन की संख्या 13.9 अरब थी। इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इस दौरान यूपीआई से औसत लेनदेन की संख्या प्रतिदिन 463 मिलियन रही और प्रतिदिन औसत 66,903 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
यूपीआई के लेनदेन में बढ़त की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना और यूपीआई को विदेशों में भी लॉन्च करना है।