नई दिल्ली, 21 फरवरी (आईएएनएस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के एसोसिएट सदस्य (एएमआईई) डिग्री को फिर से मान्यता प्रदान करने के संबंध में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है।
द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
–आईएएनएस
एसके/एबीएम
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नई दिल्ली, 21 फरवरी (आईएएनएस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के एसोसिएट सदस्य (एएमआईई) डिग्री को फिर से मान्यता प्रदान करने के संबंध में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है।
द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
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नई दिल्ली, 21 फरवरी (आईएएनएस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के एसोसिएट सदस्य (एएमआईई) डिग्री को फिर से मान्यता प्रदान करने के संबंध में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है।
द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
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द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
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द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
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द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
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द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
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द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
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नई दिल्ली, 21 फरवरी (आईएएनएस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के एसोसिएट सदस्य (एएमआईई) डिग्री को फिर से मान्यता प्रदान करने के संबंध में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है।
द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
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द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
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द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
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अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
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द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
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मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
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नई दिल्ली, 21 फरवरी (आईएएनएस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के एसोसिएट सदस्य (एएमआईई) डिग्री को फिर से मान्यता प्रदान करने के संबंध में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है।
द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 21 फरवरी (आईएएनएस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के एसोसिएट सदस्य (एएमआईई) डिग्री को फिर से मान्यता प्रदान करने के संबंध में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है।
द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 21 फरवरी (आईएएनएस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के एसोसिएट सदस्य (एएमआईई) डिग्री को फिर से मान्यता प्रदान करने के संबंध में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है।
द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सालों से एएमआईई डिग्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बीई/बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान किया गया था। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर मिली थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जाएगा।
मगर, शिक्षा मंत्रालय ने इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों में अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की मांग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए एएमआईई ही एकमात्र माध्यम है, जिसे बीई/बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता से संचालित एएमआईई कोर्स को पहले की तरह वर्ष 2013 से आगे एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बीई/बीटेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की मांग करती है।