कोलकाता, 2 सितंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरियों के लिए पैसे लेने के मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच के दायरे से अपना नाम बाहर करने के लिए तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी द्वारा दायर याचिका पर अंतिम फैसला डाउनलोड की गईं निजी फाइलों की फोरेंसिक रिपोर्ट पर निर्भर करेगा। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल न्यायाधीश पीठ ने यह बात शनिवार को कही।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी ने पिछले महीने वहां छापेमारी के दौरान मामले के मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र से जुड़े एक कार्यालय के कंप्यूटर से 16 निजी फाइलें डाउनलोड कीं।
यह सूचित किए जाने के बाद कि 16 डाउनलोड की गई फाइलों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, न्यायमूर्ति घोष ने ईडी अधिकारी मिथिलेश कुमार मिश्रा और कोलकाता पुलिस के साइबर अपराध प्रभाग के अधिकारी अमिताभ सिन्हा रॉय को 16 डाउनलोड की गई फाइलों की रिपोर्ट और प्रतियां एकत्र करने और उन्हें उनके पास जमा करने का निर्देश दिया। बेंच।
उसके बाद, ईडी अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी, जिसके बाद पीठ मामले में अपना फैसला सुनाएगी।
न्यायमूर्ति घोष ने यह भी कहा कि चूंकि अंतिम फैसला फोरेंसिक रिपोर्ट पर निर्भर करेगा, इसलिए यदि आवश्यक हुआ तो फैसले की घोषणा का अंतिम दिन टल सकता है।
मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी।
भद्रा से जुड़ी कॉर्पोरेट इकाई के एक कर्मचारी द्वारा शिकायत दर्ज किए जाने के बाद कोलकाता पुलिस के साइबर-अपराध प्रभाग ने मामले की जांच शुरू की, जहां ईडी ने पिछले महीने छापेमारी की थी।
जांच एजेंसी ने शहर पुलिस को बताया था कि 16 व्यक्तिगत फाइलें उसके एक अधिकारी ने उक्त कॉर्पोरेट इकाई के कंप्यूटर से अनजाने में डाउनलोड कर ली थीं, जब वह अपनी बेटी के लिए राज्य के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रावास में सीट की तलाश कर रहा था।
ईडी ने यह भी दावा किया कि छापेमारी पूरी होने के बाद फाइलें अनजाने में डाउनलोड हो गईं और यह कंपनी के कर्मचारियों के साथ-साथ मौके पर मौजूद स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में सीसीटीवी निगरानी के तहत किया गया था।
–आईएएनएस
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