सतना, देशबन्धु। हर साल की तरह इस साल भी श्रद्धालुओं को बाबा बर्फीनी के अमरनाथ यात्रा का इंतजार है। सभी यात्राओं में सबसे कठिन मानी जाने वाली इस यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए उम्र के फसले को और कम दिया गया है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार इस बार13वर्ष से नीचे और 70 वर्ष से ऊपर वाले श्रद्धालुओं को प्रतिबंधित करते हुए यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।
मेडिकल फिटनेश जरूरी
अमरनाथ यात्रा की तैयारी शुरू हो गई है। बिना मेडिकल फिटनेश सर्टिफिकेट के श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी। मेडिकल फिटनेश सर्टिफिकेट के लिए मेडिकल कॉलेज सतना के तीन डॉक्टर पूरी तरह से अधिकृत किये गये हैं।
सतना में ये देंगे फिटनेश
अमरनाथ यात्रा जाने वाले यात्रियों को मेडिकल कॉलेज सतना से डॉ. बद्री विशाल, डॉ. मनोज प्रजापति और डॉ.
विक्रम सिंह बना सकेंगे। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार 6 सप्ताह से ज्यादा की गर्भवती महिला भी अमरनाथ यात्रा नहीं कर सकेगी।
3800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित
बता दें कि अमरनाथ यात्रा का पवित्र धाम समुद्र तल से 3800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जहां पर महादेव का बर्फ के शिवलिंग रूप में विराजमान है। इस धाम की यात्रा से 23 तीर्थों का पुण्य प्राप्त होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गुफा में मौजूद बर्फ का शिवलिंग पूरी तरह प्राकृतिक रूप से ही बनता है। इस गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था, इसलिए इसे अमरनाथ धाम कहा गया। यह शिवलिंग ठोस बर्फ से निर्मित होता है। मान्यता है कि बाबा बर्फानी के दर्शन करने से काशी में लिंग दर्शन और पूजा से दस गुना, प्रयाग से सौ गुना अधिक पुण्य प्राप्त होता है।
गुरुपूर्णिमा सबसे अच्छा
अमरनाथ यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय गुरु पूर्णिमा और श्रावण पूर्णिमा होता है। इस यात्रा को बेहद कठिन माना जाता है, लेकिन यहां पर पाए जाने वाले अनुभव अनमोल होते हैं। इस यात्रा के दौरान पर्यटकों को विभिन्न धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों का भी दर्शन करने का अवसर मिलता है। यहां पर कई गुफाएं, पहाड़ी झीलें, वन्य फूल और बर्फबारी की खूबसूरती का अनुभव किया जा सकता है।