मुंबई, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृत फडणवीस को ब्लैकमेल करने और रिश्वत देने के कथित प्रयास के मामले में संदिग्ध बुकी अनिल जयसिंघानी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उसकी याचिका खारिज कर दी। जयसिंघानी ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए चुनौती दी थी।
दो दिन पहले निचली अदालत ने शनिवार को जयसिंघानी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति एएस गडकरी और न्यायमूर्ति पीके नाइक की खंडपीठ ने इस आधार पर आदेश पारित किया कि याचिका में कोई दम नहीं है।
पांच साल से अधिक समय से फरार और विभिन्न राज्यों में कई अपराधों के लिए वांछित, जयसिंघानी को 19 मार्च को चचेरे भाई निर्मल जयसिंघानी के साथ गुजरात में एक ठिकाने से गिरफ्तार किया गया था।
अन्य बातों के अलावा, जयसिंघानी ने तर्क दिया था कि उनकी गिरफ्तारी अवैध थी क्योंकि उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए 21 मार्च को 36 घंटे के बाद मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था। जबिक कानूनी अनिवार्यता के अनुसार 24 घंटे के अंदर पेश किया जाना चाहिए था। इससे पहले उनकी बेटी और फैशनिस्टा अनीक्षा जयसिंघानी को इसी मामले में 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और बाद में 27 मार्च को उन्हें जमानत दे दी गई थी।
अमृता फडणवीस की शिकायत पर दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल पुलिस थाने में 20 फरवरी को अनिल जयसिंघानी और उसकी बेटी अनीक्षा के खिलाफ कथित रूप से कुछ ऑडियो और वीडियो क्लिप सार्वजनिक करने की धमकी देने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इन ऑडियो और वीडियो क्लिप में अमृता फडणवीस को कथित तौर पर अनीक्षा से रिश्वत की मांग करते हुए देखा-सुना जा सकता है।
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा के तहत आपराधिक साजिश, जबरन वसूली, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और उकसाना के तहत मामला दर्ज किया गया था।
–आईएएनएस
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