लखनऊ, 26 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश अमेठी के मुंशीगंज स्थित संजय गांधी चिकित्सालय के निलंबन का मामला जोर पकड़ता नजर आ रहा है। लाइसेंस रद्द होने के बाद उस पर सियासत जारी है। बीते कई दिनों से चल रहे आंदोलन में सपा भी शामिल हो गई है। प्रशासनिक फैसले के विरोध में अस्पताल के मुख्यद्वार पर कर्मचारी और डॉक्टर भी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं।
उधर लखनऊ में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने पर किए जा रहे सत्याग्रह पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, ”अस्पताल में लापरवाही के कारण एक महिला की मौत हो गई। मैं अचंभित हूं कि गांधी खानदान की ओर से चलाए जा रहे अस्पताल में एक महिला की मौत होती है। ऐसे में उसके परिजनों को सहारा देने और आरोपी पर कार्यवाही की जगह वो अपना मुनाफा बंद होने पर रो रहे हैं। उनकी नजरों में एक महिला की जान की कोई कीमत ही नहीं है।”
कांग्रेस के पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) दीपक सिंह इस पूरे मामले को लेकर सत्याग्रह पर बैठे हैं। उनका कहना है कि यह जब तक जारी रहेगा, जब तक अस्पताल में सेवाएं फिर से शुरू नहीं हो जातीं। इस बीच मंगलवार को समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष राम उदित यादव सीएमओ कार्यालय पहुंचे और कांग्रेस नेताओँ व कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए।
उन्होंने कहा कि यह जनहित का मुद्दा है, सपा हमेशा अपनी आवाज उठाती है और आम आदमी के हितों के साथ खड़ी है। फैसले का विरोध करते हुए 400 से अधिक कर्मचारियों और डॉक्टरों ने अस्पताल गेट पर अनिश्चितकालीन आंदोलन भी शुरू कर दिया।
संजय गांधी अस्पताल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, राजनीतिक द्वेष के कारण अस्पताल को बंद कर दिया गया है। अस्पताल में 400 से अधिक कर्मचारी और डॉक्टर काम करते हैं, अस्पताल बंद होने से वे सभी बेरोजगार हो गए। उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में प्रतिदिन करीब 800 मरीज इलाज के लिए आते थे। संजय गांधी अस्पताल के गेट के पास ज्वाइंट फोरम आफ डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ एवं कांट्रैक्टर वर्कर्स आफ संजय गांधी अस्पताल के बैनर तले अस्पताल के कर्मियों ने मंगलवार से सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया है। कर्मियों का कहना है कि जब तक अस्पताल का लाइसेंस बहाल नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किए जाने के मामले पर सांसद वरुण गांधी ने कड़ी नाराजगी जताई है। इस सिलसिले में सांसद ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर उक्त कार्रवाई पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। सासंद ने पत्र को एक्स (ट्विटर) पर अपलोड कर लिखा है कि गहन जांच के बिना, अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस का त्वरित निलंबन उन सभी व्यक्तियों के साथ अन्याय है, जो न केवल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए, बल्कि अपनी आजीविका के लिए भी संस्थान पर निर्भर हैं।
इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि मरीज की मौत मामले की कमेटी बनाकर जांच कराई जाए। लेकिन अस्पताल में मरीजों का उपचार नहीं रोका जाना चाहिए। उन्होंने अस्पताल के पंजीकरण के निरस्तीकरण आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
गौरतलब है कि संजय गांधी अस्पताल में 14 सितंबर को पथरी के ऑपरेशन कराने के लिए अनुज शुक्ला ने पत्नी दिव्या शुक्ला को अमेठी पीजीआई में भर्ती कराया था। 15 सितंबर को ऑपरेशन के लिए एनेस्थीसिया देना था, लेकिन ओवरडोज देने की वजह से पत्नी कोमा में चली गई थी। 16 सितंबर को घरवाले उसको लखनऊ के मेदांता लेकर पहुंचे थे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इस मामले में मुंशीगंज थाने में अस्पताल के सीईओ समेत तीन डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज हुआ था।
स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया था। जांच में अस्पताल प्रशासन दोषी पाया गया था। इसके बाद ब्रजेश पाठक ने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था। अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि संजय गांधी अस्पताल संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट नई दिल्ली से संचालित है। इस समय ट्रस्ट की चेयरपर्सन सोनिया गांधी हैं।
संजय गांधी अस्पताल 350 बेड का है। इसके पास वेंटीलेटर व आधुनिक मशीनों से लैस चार ऑपरेशन थियेटर, वेंटीलेटर युक्त आईसीयू ,एन आईसीयू,डायलेसिस सुविधा,आपात कालीन व्यवश्या सहित तमाम चिकित्सा सुविधाएं यहां मौजूद हैं। इसके परिसर में इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय, इंदिरा गांधी काॅलेज ऑफ नर्सिंग और इंदिरा गांधी पैरा मेडिकल कॉलेज का भी संचालन होता है।
–आईएएनएस
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