अहमदाबाद, 11 अगस्त (आईएएनएस)। गुजरात हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है, जिसमें सात महीने पहले अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का प्रयास करते समय रहस्यमय तरीके से गायब हुए नौ व्यक्तियों के रिश्तेदारों ने कार्रवाई की मांग की है।
सच्चाई को उजागर करने के लिए परिवारों के वकील ने एक जनहित याचिका दायर की, जिसमें मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष अपील की गई।
याचिका में लापता व्यक्तियों के जीवन को खतरे में डालने वाली संभावित स्थिति को देखते हुए, अदालत से कार्यवाही में तेजी लाने का आग्रह किया गया है।
इसके बाद हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।
प्रांतिज पुलिस स्टेशन में भरत रबारी की पत्नी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, रबारी को एजेंट, दिव्येश पटेल और महेंद्र पटेल ने अमेरिकी वर्क परमिट वीजा के वादे का लालच दिया था। उनकी योजना के शिकार होकर, रबारी ने उन्हें 70 लाख रुपये का भुगतान करने पर सहमति जताई। शुरुआत में 20 लाख रुपये दिए और अमेरिका में सफल प्रवेश पर शेष राशि का भुगतान करने का वादा किया।
पुलिस जांच से पता चला है कि रबारी और दो महिलाओं सहित आठ अन्य व्यक्तियों को खतरनाक रूप से एम्स्टर्डम, स्पेन के बंदरगाह और डोमिनिका के माध्यम से ले जाया गया।
लापता व्यक्तियों की पहचान गांधीनगर के अंकित पटेल, मेहसाणा के किरण पटेल; गांधीनगर के अवनी जीतेंद्र पटेल, मेहसाणा के सुधीर पटेल, खेड़ा के प्रतीक पटेल, मेहसाणा के निखिल पटेल, अहमदाबाद के चंपा वसावा (मूल रूप से मेहसाणा), गांधीनगर के ध्रुवराजसिंह वाघेला और साबरकांठा से भरत रबारी के रूप में की गई है।
–आईएएनएस
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