न्यूयॉर्क, 7 जुलाई (आईएएनएस)। अमेरिका में 14 लोगों पर कोरोना काल में कथित तौर पर गलत तरीके से कोविड राहत कार्यक्रम के तहत कुल 5.3 करोड़ डॉलर के ऋण लेने का आरोप है। इनमें ज्यादातर भारतीय मूल के हैं।
टेक्सास के उत्तरी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ने बताया कि आरोपियों को पिछले सप्ताह टेक्सास, कैलिफोर्निया और ओक्लाहोमा में महामारी प्रतिक्रिया जवाबदेही समिति (पीआरएसी) धोखाधड़ी टास्क फोर्स द्वारा जांच किए गए सबसे बड़े मामलों में से एक में गिरफ्तार किया गया था।
अटॉर्नी लीघा सिमोंटन ने कहा, “इन प्रतिवादियों ने कथित तौर पर पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम से लाखों डॉलर की चोरी करने की साजिश रची – जो फंड वैध व्यवसायों को उनके बिलों का भुगतान करने और अपने कर्मचारियों को बचाए रखने में मदद कर सकते थे।”
पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम ने छोटे व्यवसायों को पेरोल, किराया और अन्य कुछ व्यावसायिक खर्चों को कवर करने के लिए क्षम्य ऋण प्रदान किया। कार्यक्रम मई 2021 में समाप्त हुआ।
इस साल 28 जून को खोले गए अभियोगों की एक श्रृंखला के अनुसार, कई आरोपियों ने कथित तौर पर संबद्ध रीसाइक्लिंग कंपनियों के एक समूह का संचालन किया।
उन्होंने कथित तौर पर कम से कम 29 पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम (पीपीपी) ऋण आवेदन जमा किए थे, जिसमें व्यावसायिक आय को गलत तरीके से दर्शाने के लिए पेरोल खर्च, बैंक स्टेटमेंट और आंतरिक राजस्व सेवा कर फॉर्म में धोखाधड़ी की गई थी।
इसके बाद उन्होंने पेरोल खर्चों के झूठे कागजी सबूत तैयार करने के लिए बैंक खातों की एक श्रृंखला के माध्यम से पीपीपी ऋण निधि को स्थानांतरित किया।
कम से कम दो प्रतिवादियों ने कथित तौर पर अपनी कथित रीसाइक्लिंग कंपनियों की ओर से धोखाधड़ी से लाखों डॉलर की व्यावसायिक ऋण राशि प्राप्त करने के लिए वित्तीय संस्थानों में झूठे आवेदन प्रस्तुत किए।
और एक प्रतिवादी, सनशाइन रीसाइक्लिंग के मुख्य व्यवसाय विकास अधिकारी भावेश उर्फ बॉबी पटेल ने कथित तौर पर संघीय जमा बीमा आयोग (एफडीआईसी) से यह कहकर झूठ बोला कि वह अपने कई अन्य कथित साजिशकर्ताओं को नहीं जानता है।
पिछले सप्ताह दायर किए गए सोलह अभियोग में जिन लोगों पर आरोप लगाए गए उनमें से कुछ में सनशाइन रीसाइक्लिंग के मुख्य वित्तीय अधिकारी मिहिर पटेल किंजल पटेल, प्रतीक देसाई, चिराग गांधी उर्फ क्रिस गांधी, धर्मेश पटेल उर्फ डैनी पटेल और भार्गव भट्ट उर्फ ब्रैड भट्ट शामिल हैं।
अलग-अलग अभियोगों में जिन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं उनमें मृणाल देसाई, चिंतक देसाई, अंबरीन खान और उषा शर्मा शामिल हैं, जिन पर बैंक/वायर धोखाधड़ी और सहायता करने का आरोप है।
यदि दोषी ठहराया जाता है, तो प्रतिवादियों को बैंक धोखाधड़ी मामले में संघीय जेल में 30 साल तक की सजा, वायर धोखाधड़ी के लिए 20 साल और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश के लिए 10 साल की सजा का सामना करना पड़ता है।
–आईएएनएस
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