नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। अक्टूबर के अमेरिकी मुद्रास्फीति आंकड़े शेयर बाजार के लिए गेमचेंजर हैं। 3.2 प्रतिशत अक्टूबर मुद्रास्फीति काफी कम है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि महीने के हिसाब से मुख्य मुद्रास्फीति में मात्र 0.2 प्रतिशत की वृद्धि बेहद सकारात्मक है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही है।
इन आंकड़ों से पता चलता है कि फेड अब दरों में बढ़ोतरी नहीं करेगा और 2024 में दरों में होने वाली कटौती अब पहले भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी बाजारों में तेज सुधार का असर भारत पर भी दिखेगा।
शॉर्ट कवरिंग से बाजार में तेजी बढ़ सकती है। बिकवाली के बजाय एफआईआई अब खरीददारी कर सकते हैं, नहीं तो वे दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था में रैली से चूक जाएंगे। उन्होंने कहा, एफआईआई की बिकवाली से जो शेयर प्रभावित हो रहे थे, उनमें उछाल आएगा।
भारत में सीपीआई मुद्रास्फीति में गिरावट भी एक बड़ा कारण है। सभी सेक्टर में तेजी की संभावना है। वित्तीय, ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट, सीमेंट और डिजिटल कंपनियां डीआईआई, एचएनआई और खुदरा निवेशकों से निवेश आकर्षित करेंगी। उन्होंने कहा कि एफआईआई और डीआईआई के बीच रस्साकशी स्पष्ट रूप से डीआईआई के पक्ष में है।
बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 593 अंक ऊपर उठ कर 65,527 अंक पर है। आईटी दिग्गजों में टेक महिंद्रा तीन प्रतिशत, विप्रो और इंफोसिस लगभग दो प्रतिशत ऊपर हैं।
–आईएएनएस
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