बीजिंग, 5 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका ने फेंटेनाइल जैसे मुद्दों का हवाला देते हुए एक बार फिर अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले चीनी उत्पादों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन करने वाले और चीन-अमेरिका आर्थिक और व्यापार सहयोग को कमजोर करने वाले इस बदमाशी वाले व्यवहार के जवाब में, चीन ने तुरंत जवाबी कदम उठाए, जिसमें डब्ल्यूटीओ के साथ मुकदमा दायर करना, अमेरिका में पैदा होने वाली कुछ आयातित वस्तुओं पर टैरिफ लगाना और अविश्वसनीय संस्थाओं की सूची में प्रासंगिक अमेरिकी कंपनियों को शामिल करना शामिल है। ये कदम पूरी तरह से चीन के अपने अधिकारों और हितों की रक्षा करने और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करने के दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करते हैं।
फेंटेनाइल मुद्दे को टैरिफ के साथ जोड़कर अमेरिका वास्तव में घरेलू मुद्दों का राजनीतिकरण कर रहा है और इसे “टैरिफ युद्ध” को बढ़ाने के बहाने के रूप में उपयोग कर रहा है। हालांकि, यह पता चला है कि टैरिफ व्यापार समस्याओं को हल करने के लिए रामबाण नहीं है। आंकड़ों से पता चलता है कि टैरिफ युद्ध के बाद अमेरिकी व्यापार घाटा कम होने के बजाय बढ़ गया है, जबकि अमेरिका के साथ चीन का व्यापार अधिशेष भी लगातार बढ़ रहा है। इसके अलावा, टैरिफ कदमों ने अमेरिकी लोगों के लिए जीवनयापन की लागत को भी बढ़ा दिया है, जिससे उपभोक्ता विश्वास सूचकांक में गिरावट आई है।
दुनिया में सबसे सख्त नशीली दवाओं की विरोधी नीतियों वाले देशों में से एक के रूप में, चीन ने फेंटेनाइल जैसी दवाओं को नियंत्रित करने के लिए बहुत प्रयास किए हैं। अमेरिका को अपनी समस्याओं का सामना करना चाहिए, चीन के साथ परामर्श करना चाहिए और संयुक्त रूप से अपनी चिंताओं का समाधान करना चाहिए। यदि अमेरिका टैरिफ युद्ध लड़ने पर जोर देता है, तो चीन दृढ़ता से अंत तक अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करने के लिए लड़ेगा।
चीन के जवाबी कदम अमेरिकी व्यापार धमकी के लिए एक शक्तिशाली प्रतिक्रिया है। चीन ने दुनिया को एक स्पष्ट संकेत भेजा है, यानी दबाव, जबरदस्ती और धमकी के माध्यम से चीन के हितों को नुकसान पहुंचाने के किसी भी प्रयास का सख्ती से मुकाबला किया जाएगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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