नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। आईआईटी जोधपुर और अमेरिका की बफेलो युनिवर्सिटी (यूबी) मिलकर एक जॉइंट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने जा रहे हैं। विश्व के यह दो बड़े एवं महत्वपूर्ण शिक्षा संस्थान ह्यआईआईटी-यूबी जॉइंट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डाटा साइंस बनाने का काम करेंगे। इसके लिए आईआईटी जोधपुर और बफेलो यूनिवर्सिटी के बीच एक खास समझौता हुआ है।
बफेलो युनिवर्सिटी के प्रोफेसरों की एक टीम इसी महीने आईआईटी जोधपुर के दौरे पर आई। इस अवसर पर उन्होंने आईआईटी जोधपुर में विभिन्न विषयों के संकाय सदस्यों से आपसी सहयोग के कई प्रोजेक्ट पर विमर्श किया। साथ ही, एक संयुक्त केंद्र बनाने के लिए सहमति करार पर हस्ताक्षर किए गए। आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. शांतनु चौधरी और बफेलो विश्वविद्यालय की ओर से प्रोफेसर ए स्कॉट वेबर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
बफेलो युनिवर्सिटी से आई प्रोफेसरों की टीम में डॉ. ए. स्कॉट वेबर, डॉ. पारस प्रसाद, डॉ. जॉन टोमाजवेस्की, डॉ. वेणु गोविंदराजू, डॉ. मार्क स्विहार्ट शामिल थे।
दोनों विश्वविद्यालयों द्वारा बनाए जाने वाले इस केंद्र का उद्देश्य प्रत्येक भागीदार संस्थान की अभिरुचि और मिशन के अनुसार शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में दीर्घकालिक बहु-संस्थागत और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
इसके तहत दोनों देशों के शैक्षिक, वैज्ञानिक, औद्योगिक, सामाजिक और सांस्कृतिक हितों और अन्य जरूरतों को पूरा करने में सहायक सहयोग कार्य किए जाएंगे। साथ ही अनुसंधान के उद्देश्य से छात्रों और संकाय के सदस्यों का आदान-प्रदान भी होगा। यानी भारतीय छात्र अमेरिका और अमेरिकी छात्र रिसर्च के लिए भारत आ सकते हैं।
आईआईटी जोधपुर के छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ बात करते हुए यूबी के प्रतिनिधियों ने यूबी में शिक्षा और अनुसंधान के अवसरों की भी जानकारी दी।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर की स्थापना वर्ष 2008 में हुई थी जिसका मकसद भारत में प्रौद्योगिकी शिक्षा एवं शोध को बढ़ावा देना है। यह संस्थान प्रौद्योगिकी आधारित सोच और भारत में आर्थिक विकास के लाभ के लिये काम करने को प्रतिबद्ध है। शिक्षण और पठन-पाठन में छात्रवृत्ति, शोध में छात्रवृत्ति एवं रचनात्मकता का विकास तथा उद्योगों की प्रासंगिकता आईआईटी जोधपुर के प्रेरक तत्व है।
आईआईटी जोधपुर, नागौर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 65 के करीब 852 एकड़ में फैले के अस्थाई आवासीय परिसर में संचालित हो रही है। इस परिसर की योजना इसे आकादमिक क्षेत्र के एक विशिष्ठ प्रतीक के तौर पर विकसित करने के उद्देश्य से तैयार की गई थी। इस परिसर का एक बड़ा क्षेत्र (करीब 182 एकड़) टेक्नोलाजिकल पार्क के विकास के लिये रखा गया है ताकि संस्थान और उद्योग के संवाद को मजबूत बनाया जा सके।
–आईएएनएस
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