नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। विपक्षी सांसदों ने केंद्र सरकार पर संविधान और संसदीय कानूनों की अवहेलना करने का आरोप लगाया है।
विपक्षी सांसदों का कहना है कि विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव को अध्यक्ष द्वारा स्वीकार किया जाता था, जब तक उस प्रस्ताव पर बहस और मतदान नहीं हो जाता, तब तक कोई अन्य विधायी कार्य नहीं किया जाता था। हालांकि, भाजपा सरकार इन नियमों का उल्लंघन कर रही है। इसके साथ ही मणिपुर की जमीनी हकीकत को समझने के लिए इंडिया गठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर का दौरा करेगा।
दरअसल, लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया गया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि सरकार संसद में नियमित कामकाज कर रही है और अविश्वास प्रस्ताव को संबोधित किए बिना विधेयक पारित कर रही है। उन्होंने लोकसभा स्पीकर से आग्रह किया कि वे लोकसभा में अन्य मामलों पर आगे बढ़ने से पहले बहस को प्राथमिकता दें और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करें।
राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित होने के उपरांत संसद के बाहर राघव चड्ढा ने यह बातें कही। राघव चड्ढा ने कहा कि मणिपुर की जमीनी हकीकत को समझने के लिए इंडिया गठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल दौरा करेगा। मणिपुर में हजारों लोग बेघर हो गए। सैकड़ों लोगों की जान चली गई और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध हुए। उन्होंने राज्यपाल और भाजपा की निष्क्रियता के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की।
उन्होंने सवाल किया कि वर्तमान मणिपुर सरकार को भंग क्यों नहीं किया गया। शांति बहाल करने और अनुच्छेद 355 व 356 जैसे संवैधानिक उपायों को क्यों नहीं अपनाया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा का रवैया मणिपुर के अपेक्षाकृत छोटे होने और केवल दो लोकसभा सीटों के कारण ऐसा है। अगर मणिपुर यूपी की तरह अधिक लोकसभा सीटों वाला बड़ा राज्य होता तो सरकार की प्रतिक्रिया अलग होती। अगर मणिपुर में गैर-भाजपा सरकार होती तो केंद्र सरकार बहुत पहले ही राष्ट्रपति शासन लगा देती।
मणिपुर की एक वीडियो की जांच सीबीआई द्वारा अपने हाथ में लेने के मामले पर उन्होंने कहा कि इसपर कार्रवाई करने में काफी देर हो चुकी है। बीजेपी को 80-85 दिन लग गए कार्रवाई करने में जबकि राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण लोग हर दिन परेशान हो रहे हैं।
–आईएएनएस
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