नई दिल्ली, 30 दिसम्बर (आईएएनएस)। भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने शुक्रवार को सिंगापुर के स्टार्टअप जिलिंगो की पूर्व सीईओ अंकिती बोस का बचाव करते हुए शीर्ष वीसी फर्म सिकोइया कैपिटल इंडिया पर निशाना साधा, जिन्हें इस साल की शुरुआत में वित्तीय अनियमितताओं के कारण बर्खास्त कर दिया गया था।
ट्वीट्स की एक सीरीज में, ग्रोवर ने अंकिती और ग्रोवर के बीच एक छोटी ऑडियो बातचीत पोस्ट की, जहां उन्हें सिंगापुर स्थित फैशन-टेक स्टार्टअप जिलिंगो और धोखाधड़ी के आरोपों पर 220 पेज की रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए सुना जा सकता है, जिसे कभी सार्वजनिक नहीं किया गया था।
सिकोइया कैपिटल इंडिया ने भारतपे और जिलिंगो दोनों का समर्थन किया।
इस साल मार्च में जिलिंगो ने कथित वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों पर 30 वर्षीय सीईओ अंकिति को निलंबित कर दिया था।
स्टार्टअप ने टेमासेक होल्डिंग्स पीटीई और सिकोइया कैपिटल इंडिया सहित शीर्ष निवेशकों से 300 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए थे।
एक स्वतंत्र फोरेंसिक फर्म के नेतृत्व में एक जांच के बाद, स्टार्टअप ने अंकिति के रोजगार को समाप्त करने का फैसला किया।
31 मार्च को अपने निलंबन के बाद, 11 अप्रैल को अंकिति ने पहली बार बोर्ड के ध्यान में पिछली समयावधि से संबंधित कुछ उत्पीड़न-संबंधी मुद्दों को लाया, जिसमें निवेशकों या उनके नामितों के खिलाफ उत्पीड़न की कोई शिकायत शामिल नहीं थी।
अंकिति द्वारा बोर्ड के नोटिस में लाए गए उत्पीड़न के दावों को देखने के लिए एक शीर्ष परामर्श फर्म को नियुक्त किया गया था।
जिलिंगो के अनुसार, जांच से यह निष्कर्ष निकला कि कंपनी ने उचित कार्रवाई की और इन शिकायतों को दूर करने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया, जो उनके संज्ञान में लाई गईं। मीडिया रिपोटरें के विपरीत, जिसमें सुझाव दिया गया है कि अंकिति के निलंबन और जांच का उद्देश्य उक्त उत्पीड़न दावे को दबाना था।
कंपनी ने कहा था कि जिस तरह से बोर्ड, निवेशकों और कर्मचारियों पर लगातार लीक और फर्जी सूचनाओं के माध्यम से हमला किया जा रहा है, उसे देखकर कंपनी को गहरा दुख और निराशा हुई है।
–आईएएनएस
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