मुंबई, 20 सितंबर (आईएएनएस)। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को मुंबई के पास ठाणे में 4.88 किलोमीटर लंबी सुरंग का उद्घाटन किया।
सुरंग के एक द्वार पर खड़े होकर वैष्णव ने बटन दबाया और नियंत्रित डायनामाइट विस्फोट कर इसकी अंतिम परत को तोड़ दिया, जिससे लगभग पांच किलोमीटर की खुदाई पूरी हो गई।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में आज एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। मुंबई और ठाणे के बीच समुद्र के नीचे एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने महाराष्ट्र में घनसोली और शिलफाटा (4.881 किमी) के बीच सुरंग के निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि यह मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बटन दबाया और नियंत्रित डायनामाइट विस्फोट से अंतिम परत को तोड़ दिया, जिससे पांच किलोमीटर की खुदाई पूरी हो गई।
इसे एक “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताते हुए, मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सूरत-बिलिमोरा खंड पर हाई-स्पीड कॉरिडोर का पहला चरण दिसंबर 2027 में शुरू होगा, जो 2028 में ठाणे और 2029 में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स को कवर करेगा।
उन्होंने मुंबई के निकट घनसोली में मीडिया से बात करते हुए कहा कि बुलेट ट्रेन मध्यम वर्ग के लिए राहत भरा कदम होगा और इसका किराया उचित होगा।
उन्होंने कहा, “अब, मुंबई-अहमदाबाद परियोजना में लगभग 320 किलोमीटर लंबा पुल वाला हिस्सा पूरा हो चुका है। सभी स्टेशनों पर बहुत अच्छा काम चल रहा है। नदियों पर बन रहे पुल भी बहुत तेजी से पूरे हो रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, लोग बुलेट ट्रेन से मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी दो घंटे सात मिनट में तय कर सकेंगे, जबकि गूगल मैप्स ऐप पर यह दूरी नौ घंटे में तय होती है।
उन्होंने कहा कि सेवाओं को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि सुबह और शाम के व्यस्त समय में हर आधे घंटे में एक ट्रेन रवाना होगी।
उन्होंने कहा कि एक बार पूरा नेटवर्क सेट हो जाए तो व्यस्त समय के दौरान हर 10 मिनट में एक ट्रेन उपलब्ध होगी।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा करने के लिए टिकट आरक्षण की कोई आवश्यकता नहीं होगी और यात्री स्टेशन पर आकर बुलेट ट्रेन में सवार हो सकते हैं।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने कहा कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड (एनएटीएम) का उपयोग करके खोदी गई यह सुरंग बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबे भूमिगत खंड का हिस्सा है, जिसमें ठाणे क्रीक के नीचे 7 किलोमीटर का खंड भी शामिल है।
एनएचएसआरसीएल ने एक बयान में कहा कि बुलेट ट्रेन सुरंग अब सावली शाफ्ट को शिलफाटा में सुरंग पोर्टल से जोड़ती है, जो इसे मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना के वायडक्ट हिस्से से जोड़ती है।
एनएटीएम सुरंग की आंतरिक चौड़ाई 12.6 मीटर है, और इसका निर्माण चुनौतीपूर्ण भूवैज्ञानिक परिस्थितियों में ड्रिलिंग, विस्फोट, सर्वेक्षण कार्य और सहायक प्रणालियों का उपयोग करके किया गया है।
एनएचएसआरसीएल के अनुसार, अगले चरण में वॉटरप्रूफिंग, लाइनिंग, फिनिशिंग और उपकरण स्थापना शामिल होगी, जबकि शेष 16 किलोमीटर सुरंग का निर्माण सुरंग बोरिंग मशीनों का उपयोग करके किया जाएगा।
508 किलोमीटर लंबा मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना है।
–आईएएनएस
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