गुवाहाटी, 23 जनवरी (आईएएनएस)। असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में संदिग्ध शिकारियों ने एक सींग वाले मादा गैंडे को मार डाला।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि यह घटना रविवार रात अगोराटोली वन रेंज में हुई, जो काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व की निदेशक सोनाली घोष ने कहा, ”अगोराटोली वन रेंज में, वन रक्षकों को नियमित गश्त के दौरान मैकलुंग वन शिविर के पास एक मादा गैंडे का शव मिला। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।”
अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि शिकारियों ने ब्रह्मपुत्र नदी पार कर राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश किया। ये शिकारी गैंडों जैसे जानवरों को पकड़ने और मारने में माहिर हैं। वे सींग को साथ लेकर भाग गए।
घटना के बाद असम वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उद्यान के अधिकांश क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे हैं और वे रिकॉर्ड किए गए वीडियो देख रहे हैं।
सोनाली घोष के अनुसार, 2022 में असम में शिकार का कोई मामला नहीं था, आखिरी मामला पिछले साल मार्च में सामने आया था।
हम एक विशेषज्ञ टीम के साथ इसकी जांच कर रहे हैं और यह निस्संदेह एक साल में अवैध शिकार का पहला मामला है। हम अभी तक इस घटना के पीछे के दोषियों की पहचान नहीं कर पाए हैं। जांच के उद्देश्य से, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि हाल के वर्षों में संरक्षित वन क्षेत्रों में कड़े सुरक्षा उपायों के साथ अधिक सुरक्षाकर्मी और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
गुवाहाटी, 23 जनवरी (आईएएनएस)। असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में संदिग्ध शिकारियों ने एक सींग वाले मादा गैंडे को मार डाला।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि यह घटना रविवार रात अगोराटोली वन रेंज में हुई, जो काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व की निदेशक सोनाली घोष ने कहा, ”अगोराटोली वन रेंज में, वन रक्षकों को नियमित गश्त के दौरान मैकलुंग वन शिविर के पास एक मादा गैंडे का शव मिला। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।”
अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि शिकारियों ने ब्रह्मपुत्र नदी पार कर राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश किया। ये शिकारी गैंडों जैसे जानवरों को पकड़ने और मारने में माहिर हैं। वे सींग को साथ लेकर भाग गए।
घटना के बाद असम वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उद्यान के अधिकांश क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे हैं और वे रिकॉर्ड किए गए वीडियो देख रहे हैं।
सोनाली घोष के अनुसार, 2022 में असम में शिकार का कोई मामला नहीं था, आखिरी मामला पिछले साल मार्च में सामने आया था।
हम एक विशेषज्ञ टीम के साथ इसकी जांच कर रहे हैं और यह निस्संदेह एक साल में अवैध शिकार का पहला मामला है। हम अभी तक इस घटना के पीछे के दोषियों की पहचान नहीं कर पाए हैं। जांच के उद्देश्य से, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि हाल के वर्षों में संरक्षित वन क्षेत्रों में कड़े सुरक्षा उपायों के साथ अधिक सुरक्षाकर्मी और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी