गुवाहाटी, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। जहां सिख कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है, वहीं अमेरिका स्थित अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कथित तौर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को धमकी दी है।
रविवार को असम में पत्रकारों के एक वर्ग को अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल आए, जिसमें कथित तौर पर पन्नू की आवाज में सरमा को धमकी दी गई।
फोन करने वाले ने कहा : असम में कैद खालिस्तान समर्थक समर्थकों को प्रताड़ित किया गया है। बहुत ध्यान से सुनो सीएम सरमा, लड़ाई खालिस्तान समर्थक सिखों और भारतीय शासन के बीच है।
हम खालिस्तान जनमत संग्रह की एक शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से भारत के कब्जे से पंजाब की मुक्ति की मांग कर रहे हैं। यदि आपकी सरकार सिखों को प्रताड़ित और परेशान कर रही है, तो आपको जवाबदेह ठहराया जाएगा।
विशेष रूप से अमृतपाल सिंह के कुछ सहयोगियों, जिनमें उनके चाचा हरजीत सिंह भी शामिल थे, को पंजाब से असम ले जाया गया था, जहां वे डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में बंद थे।
असम के मुख्यमंत्री का जिक्र करते हुए पन्नू के संदेश में यह भी कहा गया है : सरमा, इस हिंसा का शिकार मत बनो।
असम के डीजीपी जी.पी. सिंह ने कहा, हमने पहचान लिया है कि वह आवाज गुरपतवंत सिंह पन्नू की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में सेवा करते हुए, मैंने पहले एक मामले के संबंध में उनकी आवाज सुनी थी। मुझे पूरा यकीन है कि यह वही है। इसलिए, हमने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है।
आईजीपी, लॉ एंड ऑर्डर, प्रशांत कुमार भुइयां ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने विशेष टास्क फोर्स के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है।
असम के मुख्यमंत्री की सुरक्षा में किसी तरह के बदलाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, सरकार के निर्देश के मुताबिक मुख्यमंत्री की सुरक्षा पहले से ही है, जिसकी समय-समय पर समीक्षा की जाती है।
डीजीपी सिंह ने कहा कि एसएफजे को 2019 में भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था और पन्नू को 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अलगाववाद को बढ़ावा देने और सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए कथित रूप से उकसाने के कारण आतंकवादी घोषित किया गया था।
–आईएएनएस
एसजीके