गुवाहाटी, 10 मार्च (आईएएनएस)। असम सरकार ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में एक विधेयक पेश किया है, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य करेगी।
प्रस्तावित कानून का उद्देश्य उन जगहों पर अपराध को कम करके सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है जहां रिटेल इस्टैब्लिशमेंट, औद्योगिक सुविधाएं, पूजा स्थल, शैक्षिक सुविधाएं, सरकारी भवन, खेल के मैदान और आवासीय संरचनाएं शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, आवास और शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल ने विधानसभा में असम सार्वजनिक सुरक्षा (उपाय) प्रवर्तन विधेयक, 2023 पेश किया।
बिल में सार्वजनिक स्थानों के मालिक द्वारा एक निश्चित समय के भीतर सीसीटीवी कैमरे और अन्य निगरानी उपकरण लगाने की आवश्यकता है। सीसीटीवी फुटेज को 30 दिनों के लिए सुरक्षित रखना होगा और जरूरत पड़ने पर सरकार को उपलब्ध कराना होगा।
विधेयक के अनुसार, अधिनियम की प्रारंभ तिथि के एक वर्ष के भीतर या व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लाइसेंस के अगले वर्ष नवीनीकरण होने से पहले सीसीटीवी स्थापित किया जाना चाहिए।
बिल में प्रस्तावित नियमों का पालन करने में विफल रहने पर पहले दो महीनों के लिए आर्थिक दंड देना होगा, जिसके बाद अधिकारी परिसर को अस्थायी रूप से बंद कर देंगे।
प्रस्तावित विनियमन का उद्देश्य अपराध के खिलाफ एक बाधा के रूप में कार्य करना और सार्वजनिक क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा की गारंटी देना है।
मंत्री अशोक सिंघल के मुताबिक, इस बिल का पेश होना असम में सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाने और आपराधिक गतिविधियों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
दुनिया के अन्य हिस्सों में, सार्वजनिक क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है, और यह माना जाता है कि असम में सीसीटीवी स्थापित करने से अपराध में कमी आएगी और सार्वजनिक सुरक्षा में वृद्धि होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम