मझौली सीधी.
“जिला अस्पताल बचावा, जिउ बचावा संघर्ष मोर्चा” द्वारा आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिहावल के सामने “अस्पताल बचावा जिउ बचाव सत्याग्रह!” का आयोजन किया गया. सत्याग्रह में क्षेत्रीय ग्रामीण उपस्थिति रहे.
“अस्पताल बचावा जिउ बचाव सत्याग्रह!” में आए ग्रामीणों के समक्ष अपनी बात रखते हुए टोंको-रोंको-ठोंको क्रन्तिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि सीधी जिले में प्राइवेट मेडिकल काँलेज खोलने के लिए जिला अस्पताल का निजीकरण करना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार या अच्छी सेवाओं की गारंटी नहीं है बल्कि यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को कमजोर करने की दिशा मे एक बड़ा कदम होगा और यह जिले की जनता को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं से दूर करेनें में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. प्राइवेट मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जिला अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संस्थान को निजी हाथों मे देने से पूरे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के क्रियान्वयन में मुश्किले होगी तथा जिले के नागरिकों की चिकित्सा सुविधा निजी हाथों में कैद होगी.
सत्याग्रह कों संबोधित करते हुए राजेंद्र जायसवाल जिला अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग ने कहा कि घर की संपत्ति यदि लड़का बेचने लगे तो समझ लेना लड़का निकम्मा है. इसी तरह मौजूदा सरकार सब कुछ बेच रही है ऐसी सरकार को शर्म आना चाहिए कि अब गरीब की उम्मीद अस्पताल को भी बेचने पर उतारू है. अपनी बात रखते हुए जगजीवन प्रसाद पटेल जनपद सदस्य ने कहा कि सीधी जिले में सबसे ज्यादा गरीब ओबीसी हरिजन आदिवासी रहते हैं जिला अस्पताल के निजीकरण से गरीब दवाई से वंचित होंगे.
अपनी बात रखते हुए पूर्व जनपद सदस्य निसार आलम ने कहा कि निजीकरण और सरकारी का फर्क इसी से लगाया जा सकता है कि जब राज्य परिवहन की बस चलती थी तो किराए में इस तरह लूट नहीं होती थी जैसे अब प्राइवेट बस मालिक टैक्सी और ऑटो वाले लूट रहे हैं. अपनी बात रखते हुए रामानंद यादव ने कहा कि आज का यह धारना जिला अस्पताल को निजी करने के विरोध में किया जा रहा है. सरकार को करना याह था कि जिले के समस्त चिकित्सालय में डॉक्टर उपलब्ध हो और आवश्यक जांच उपकरण की व्यवस्था करने की वजाय जिला अस्पताल का निजीकरण करके लोगों के जीवन में कों संकट मैं डाला है.
सत्याग्रह धरने का संचालन हरिकुमार माझी प्रदेश अध्यक्ष माझी समाज नें किया.
धरने को इन्होने भी सबोधित किया-प्रभात वर्मा, मनोज कोल, ध्रुब तिवारी, विकाश नारायण तिवारी, अमर मोहम्मद, गणेश यादव, बाबूलाल कोल, पारस पटेल आदि.
धरने के बाद मध्य प्रदेश के राजयपाल के नाम का 6 सूत्री ज्ञापन पत्र तहसीलदार को सौंपा गया.
ज्ञापन पत्र कि मांगे-
1. जिला अस्पताल सीधी के निजीकरण पर रोक लगाई जाए.
2. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिहावल में रिक्त पदों पर डॉक्टर एवं महिला डॉक्टर की पदस्थापना तत्काल की जाए .
3. सिहावल सामुदायिक स्वस्थ केंद्र अनर्गत आने वाले प्रथमिक स्वाथ्य केंद्र में रिक्त पदों पर डाक्टर, महिला डॉक्टर और अन्य स्टाप कि पदस्थापना की जाए.
4. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिहावल में मरीजों की विभिन्न जांच के लिए जांच मशीन की व्यवस्था की जाय.
5. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिहावल का चीरघर जर्जर हो चुका है नया चीरघर बनवाया जाए या जर्जर चीरघर की मरम्मत करायी जाए.
6. मझौली सामुदायिक स्वस्थ केंद्र क्षेत्र अंतर्गत अवैध क्लिनिक, बंगाली डाक्टर कि एवं अवैध मेडिकल स्टोर की जांच कर कड़ी कार्यवाही की जाए.