नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों (एनसीओई) में शामिल होने के लिए चुनी गई 15 हॉकी खिलाड़ियों में मिजोरम की पांच अंडर-16 लड़कियां शामिल हैं।
भारत में महिला हॉकी के निर्माण खंड के रूप में देखी जाने वाली इन लड़कियों को अस्मिता लीग मैचों के 2024-25 सत्र के समापन के बाद चुना गया है।
एनसीओई में प्रशिक्षण के लिए चुने गए 15 खिलाड़ियों में हरियाणा की तीन और झारखंड और ओडिशा की दो-दो खिलाड़ी शामिल हैं, इसके अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की लड़कियां भी शामिल हैं।
साई और खेलो इंडिया के लिए हॉकी के हाई परफार्मेंस निदेशक पीयूष दुबे ने कहा कि इन लड़कियों को भविष्य के ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए चुना गया है। हमें एक रास्ता सोचना होगा और इन लड़कियों में सीनियर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि सुनीलिता टोप्पो, सुजाता कुजूर और साक्षी राणा जैसे कई खिलाड़ी इस हॉकी लीग से उभरे हैं और अब भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अस्मिता सब-जूनियर हॉकी लीग के अंतिम चरण में 120 अंडर-16 खिलाड़ियों वाली छह टीमों ने हिस्सा लिया।
15.5 लाख रुपये की इनामी राशि वाली इस प्रतियोगिता में कुल 17 मैच खेले गए। साईं शक्ति ने यहां मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में फाइनल मैच में मध्य प्रदेश हॉकी अकादमी को 2-1 से हराकर लगातार तीसरी बार टीम चैंपियनशिप जीती।
महिला हॉकी में मिजोरम का उदय काफी चौंकाने वाला रहा है। अपने इतिहास में पहली बार, अपने फुटबॉल खिलाड़ियों और मुक्केबाजों के लिए प्रसिद्ध इस छोटे से पूर्वोत्तर राज्य ने पंचकूला में सीनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
दुबे ने कहा कि मिजोरम की लड़कियों ने पिछले पांच-छह वर्षों में काफी सुधार दिखाया है और इसका श्रेय थेनजोल में साई केंद्र में काम कर रहे कोचों को जाता है। 2009 की जूनियर भारतीय खिलाड़ी लालरोथुआमी ने कहा कि युवा लड़कियां हॉकी में रुचि ले रही हैं और करीब 40 लड़कियां साई केंद्र में प्रशिक्षण ले रही हैं।
एनसीओई में प्रशिक्षण के लिए चुने गए 15 खिलाड़ियों में हरियाणा के तीन और झारखंड और ओडिशा के दो-दो खिलाड़ी शामिल हैं। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की लड़कियों की मौजूदगी भारत में हॉकी के प्रति जुनून को दर्शाती है। साई और खेलो इंडिया के लिए हॉकी के हाई परफार्मेंस निदेशक पीयूष दुबे ने कहा कि इन लड़कियों को 2032 और 2026 ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए चुना गया है। दुबे ने कहा, ‘हमें एक रास्ता सोचना होगा और इन लड़कियों में सीनियर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की क्षमता है। पिछले तीन-चार वर्षों में अस्मिता ने इतने सारे खिलाड़ियों को एक्शन में देखने का अवसर प्रदान किया है और यह हमारे हॉकी इकोसिस्टम में एक स्वागत योग्य बदलाव है। ऐसा पहले नहीं था।’ उन्होंने कहा कि सुनीलिता टोप्पो, सुजाता कुजूर और साक्षी राणा जैसे कई खिलाड़ी इस हॉकी लीग से उभरे हैं और अब भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
अस्मिता सब-जूनियर हॉकी लीग के अंतिम चरण में 120 अंडर-16 खिलाड़ियों वाली छह टीमों ने हिस्सा लिया। 15.5 लाख रुपये की इनामी राशि वाले इस आयोजन में कुल 17 मैच खेले गए। दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच में साई शक्ति ने मध्य प्रदेश हॉकी अकादमी को 2-1 से हराकर लगातार तीसरी बार टीम चैंपियनशिप जीती। ओडिशा की नवल टाटा हॉकी हाई परफॉरमेंस सेंटर तीसरे स्थान पर और प्रीतम सिवाच हॉकी अकादमी चौथे स्थान पर रही।
–आईएएनएस
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