लंदन, 12 जून (आईएएनएस)। अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर ब्रिटेन और अमेरिका ने जांच में सहयोग की पेशकश की है। ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (एएआईबी) ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि उसने भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो को औपचारिक रूप से सहायता की पेशकश की है और वह इस जांच में विशेषज्ञता के तहत भाग लेगा।
बयान में कहा गया, “हम भारत में चल रही जांच में सहयोग के लिए एक बहु-विषयक जांच दल भेज रहे हैं। यह कदम अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के अनुच्छेद 13 के तहत उठाया गया है, क्योंकि विमान में ब्रिटिश नागरिक सवार थे। हमारी संवेदनाएं इस दुखद घटना से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं।”
ब्रिटिश परिवहन मंत्री हाइडी अलेक्जेंडर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “आज की दुखद घटना के संबंध में ब्रिटेन की ओर से जारी समर्थन के तहत एएआईबी भारत में जांच में सहयोग के लिए एक टीम भेजेगा। मैं लगातार घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हूं और मेरी संवेदनाएं सभी पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ हैं।”
ब्रिटिश हाई कमीशन ने भारत में स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर स्थिति की जानकारी एकत्र करने और प्रभावितों को सहायता प्रदान करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। एफसीडीओ ने ब्रिटिश नागरिकों को कांसुलर सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
अमेरिका की फेडरल एविएशन एजेंसी (एफएए) ने भी घटना पर कहा कि वह भारत में हुई इस दुर्घटना की जांच में तकनीकी सहयोग देने को तैयार है और नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के साथ मिलकर एक टीम भेजने को तत्पर है।
एफएए ने कहा, “जब कोई अंतर्राष्ट्रीय विमान दुर्घटना होती है, तो उस देश की सरकार जांच का नेतृत्व करती है। यदि सहयोग मांगा जाता है, तो एनटीएसबी अमेरिका की ओर से अधिकृत प्रतिनिधि होता है और एफएए तकनीकी समर्थन देता है। हम एनटीएसबी के समन्वय में टीम भेजने के लिए तैयार हैं।”
भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि अहमदाबाद में हुई दुखद घटना के बाद, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) द्वारा निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुरूप, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो द्वारा औपचारिक जांच शुरू की गई है। इसके अलावा, सरकार मामले की विस्तृत जांच के लिए विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों वाली एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर रही है। समिति विमानन सुरक्षा को मजबूत करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए काम करेगी।
बताया गया कि गंभीर दुर्घटनाओं की स्थिति में एक फील्ड टीम मौके पर भेजी जाती है, जो ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर), कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर आदि की जांच करती है। औसतन ऐसे मामलों की प्रारंभिक रिपोर्ट तीन महीने के भीतर जारी की जाती है।
–आईएएनएस
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