deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

आंध्र, कर्नाटक में बारिश, चेन्नई में टमाटर की कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंची

by
July 26, 2023
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

READ ALSO

विदेश सचिव विक्रम मिस्री संसदीय समिति को भारत-पाक तनाव पर जानकारी देंगे

‘रईस’ से ‘कोस्टाओ’ तक, हर फिल्म में अपने किरदार से नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने डाली जान

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण खुदरा बाजार और बाहरी इलाकों में कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।

आर.के. कोयम्बेडु बाजार में टमाटर और आलू के थोक व्यापारी कुप्पुसामी ने आईएएनएस को बताया कि ”आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है।”

व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है।

टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।

अशोक नगर की एक गृहिणी शीबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तो हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है।”

तेनाम्पेट के एक सब्जी व्यापारी सीतानाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने इसे खरीदना बंद कर दिया है।”

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे।

चेन्नई के अडयार में गृहिणी जी. मनोनमानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “टमाटर की कीमत बहुत अधिक हो गई है और सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचना शुुुरू किया है। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि सरकार के लिए ऐसा न करना ही बेहतर था। टमाटर की गुणवत्ता बहुत खराब है और हम अभी भी खुदरा बाजारों से खरीदना पसंद करते हैं, भले ही कीमत अधिक हो।”

व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।

कोयम्बेडु बाजार के एक थोक व्यापारी आर. नजीमुद्दीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि कर्नाटक और आंध्र में लगातार बारिश से खराब हो रही फसलों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कीमतें बढ़ने से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए भारी मुश्किलें पैदा हो सकती है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

Related Posts

ताज़ा समाचार

विदेश सचिव विक्रम मिस्री संसदीय समिति को भारत-पाक तनाव पर जानकारी देंगे

May 19, 2025
ताज़ा समाचार

‘रईस’ से ‘कोस्टाओ’ तक, हर फिल्म में अपने किरदार से नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने डाली जान

May 19, 2025
ताज़ा समाचार

मुंबई-गोवा हाईवे पर जगबुडी नदी में गिरी कार, 5 लोगों की मौत

May 19, 2025
ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में यूपी का व्यापारी गिरफ्तार

May 19, 2025
ताज़ा समाचार

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में हथियार और गोला-बारूद के साथ आतंकी गतिविधियों से जुड़े दो लोग को गिरफ्तार किया गया

May 19, 2025
ताज़ा समाचार

आंध्र प्रदेश : लॉक कार में फंसने से चार बच्चों की दम घुटने से मौत

May 19, 2025
Next Post

बांग्लादेश में डेंगू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 201 हुई

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

लोकसभा अध्यक्ष ने भाजपा सांसद बिधूड़ी के खिलाफ शिकायत विशेषाधिकार समिति को सौंपी

September 28, 2023

गुरमीत राम रहीम सिंह ने पैरोल मिलने के बाद की अनुयायियों से अपील, कहा- ‘सिरसा धाम में न आएं’

January 28, 2025
किडनी फेलियर से पीड़ित सभी बुजुर्गों के लिए डायलिसिस संभव नहीं: शोध

किडनी फेलियर से पीड़ित सभी बुजुर्गों के लिए डायलिसिस संभव नहीं: शोध

August 20, 2024

कावेरी विवाद: कर्नाटक के किसान आज सुप्रीम कोर्ट में दायर करेंगे याचिका

September 5, 2023
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

081833
Total views : 5876564
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In