अमरावती, 20 मार्च (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश विधानसभा में सोमवार को सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के विधायकों ने एक-दूसरे पर हमला बोला। सदन में उस समय हंगामा हो गया, जब टीडीपी सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम को घेर लिया और राज्य सरकार से सड़कों पर जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश को खत्म करने की मांग की। टीडीपी विधायक डोला बाला वीरंजनेय स्वामी बहस करते हुए स्पीकर के और करीब आ गए थे।
इस बीच, वाईएसआरसीपी के कुछ विधायक वहां पहुंचे और कथित तौर पर टीडीपी सदस्यों को धक्का दिया।
सत्तारूढ़ दल के विधायक सुधाकर बाबू ने मंच पर गिरे स्वामी को पीछे खींच लिया। घटनाक्रम से अचंभित अध्यक्ष आनन-फानन में सदन से चले गए।
विधायक एक-दूसरे को धक्का-मुक्की करते रहे। अंत में मार्शल उनके बीच एक बाधा के रूप में खड़े हो गए।
सत्ताधारी पार्टी के विधायकों द्वारा किए गए हमले के विरोध में टीडीपी सदस्य बाद में जमीन पर बैठ गए।
वीरंजनेया स्वामी ने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी के विधायक सुधाकर बाबू और वीआर एलिजा ने उन पर हमला किया।
सुधाकर बाबू ने दावा किया कि वीरंजनेया स्वामी ने स्पीकर के साथ हाथापाई करने की कोशिश की और एलिजा स्पीकर को बचाने के लिए पोडियम पर पहुंच गईं।
उन्होंने कहा कि जब टीडीपी विधायक एलिजा पर हमला कर रहे थे, तो वह बाद में एलिजा के बचाव में गए।
सुधाकर बाबू ने दावा किया कि टीडीपी विधायकों बी. अशोक और स्वामी के हमले में उनके हाथ से खून बह रहा था।
उन्होंने मीडियाकर्मियों को अपनी चोट दिखाई।
सुधाकर बाबू, जो एक दलित विधायक हैं, ने आरोप लगाया कि उच्च जाति के विधायकों ने उन पर हमला किया।
जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, टीडीपी सदस्य खड़े हो गए और मांग करने लगे कि सरकार उस सरकारी आदेश को वापस ले, जिसमें सड़कों पर जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
हाथों में तख्तियां लिए और नारेबाजी करते हुए टीडीपी विधायक वेल में पहुंचे और स्पीकर को घेर लिया।
उन्होंने कागजात फाड़े और स्पीकर पर टुकड़े फेंके।
–आईएएनएस
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