कुरनूल (आंध्र प्रदेश), 14 मार्च (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कुरनूल जिले में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया और दोहराया कि उनकी सरकार इस जिले को प्रदेश की न्यायिक राजधानी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने इस पहल के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उनकी सरकार रायलसीमा के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने पर बल देगी।
राजधानी को हैदराबाद स्थानांतरित करने के समय 1937 के श्रीबाग समझौते के अनुसार यहां उच्च न्यायालय स्थापित करने का भी प्रस्ताव था। उन्होंने कहा कि समझौते के अनुसार कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना के माध्यम से इस वादे को पूरा करने पर जोर दिया, जो न केवल एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में काम करेगा, बल्कि क्षेत्र में एक मजबूत ज्यूडिशियल इकोसिस्टम के विकास के लिए आधार भी तैयार करेगा।
सीएम जगन ने कुरनूल को एक कानूनी केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना का भी अनावरण किया।
कल्लूर मंडल के लक्ष्मीपुरम में जगन्नाथगट्टू में बनने वाला यह विश्वविद्यालय राज्य का दूसरा राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय है।
सरकार ने कहा कि 150 एकड़ से अधिक भूमि पर बनने वाले इस विश्वविद्यालय की परिकल्पना इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कानूनी शिक्षा मुहैया कराने के लिए की गई थी। परियोजना की अनुमानित लागत 1,011 करोड़ रुपए है, जो राज्य के युवाओं के बीच बौद्धिक विकास और कानूनी कौशल को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।
इस कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, अन्य न्यायालयों के न्यायाधीश, अधिवक्ता और कानून विभाग के कर्मचारी शामिल हुए।
ओर्वाकल हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद, जगन मोहन रेड्डी ने पारंपरिक भूमि पूजा की।
2019 में सत्ता में आने के बाद वाईएसआरसीपी द्वारा कुरनूल को तीन राज्य की राजधानियों में से एक के रूप में प्रस्तावित किया गया था। अमरावती को एकमात्र राज्य की राजधानी के रूप में विकसित करने की पिछली टीडीपी सरकार की योजना को उन्होंने पलट दिया था।
वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने विशाखापत्तनम को प्रशासनिक राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुरनूल को न्यायिक राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा था।
हालांकि, ये मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
–आईएएनएस
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